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*सोसाइटी फॉर टीचर्स कॉज (रजि)*
*दिल्ली प्रदेश*
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सम्मानित शिक्षक साथियों
सादर 🙏
आपको यह अवगत कराना अति आवश्यक है कि देश में सरकारी स्कूलों के शिक्षको की सबसे बड़ी संस्था GSTA, जिसे लगभग 40 हजार शिक्षको के द्वारा 26 जुलाई सन 2014 में चुना गया था, इस संस्था को शिक्षकों की मां का दर्जा प्राप्त है, जो अपने शिक्षकों पर कभी किसी भी प्रकार की आंच नही आने देती, लेकिन हमारी वर्तमान GSTA अपने आपसी मतभेदों और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को परवान चढ़ाने की खातिर शिक्षकों के मान सम्मान और उनके हितों की रक्षा नहीं कर पा रही है।
**भाईयो/ बहनों* *तत्कालीन GSTA (SFTC) द्वारा शिक्षको, प्रधानाचार्यो और अधिकारियों को जीवन दायिनी सुविधा DGEHS सन 2007 में शुरू कराई थी,जिसके अंतर्गत रिटायर्ड कर्मचारी/अधिकारी को कैशलैस सुविधा मुहैया कराई थी ।*
*वर्तमान GSTA द्वारा शिक्षक हित मे चिंतन मनन ना करने के कारण वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को कैशलैस सुविधा मुहैया होना तो दूर बल्कि रिटायर्ड कर्मचारी/अधिकारियों को मैक्स अस्पताल वैशाली, मैक्स अस्पताल, पटपड़गंज,बी एल कपूर हॉस्पिटल और शार्प साइट सेंटर, सौ फुटा रोड, शाहदरा ने कैशलैस सुविधा देना बंद कर दिया है। यदि समय रहते वर्तमान GSTA शिक्षक हित में DGEHS सुविधा को लेकर अलर्ट नहीं हुई तो एक दिन नियमित शिक्षकों को भी जीवनदायिनी सुविधा DGEHS से हाथ धोना पड़ सकता है।*
तत्कालीन GSTA (SFTC) ने विभाग में कार्यरत शिक्षकों के अनवरत प्रमोशन होते रहें,इसीलिए एक विद्यालय में दो दो वाइस प्रिंसिपल की पोस्ट 100 प्रतिशत प्रमोशन के साथ निर्मित कराई थी, लेकिन वर्तमान GSTA की अकर्मण्यता और अनुभवहीनता के चलते विभाग ने शिक्षक विरोधी नए रिक्रूटमेंट रूल्स (50 प्रतिशत प्रमोशन) बना दिए, नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया, जिसका खामियाजा वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को उठाना पड़ेगा।
*भाईयो/बहनों वर्तमान GSTA ने अपनी लापरवाही के चलते तत्कालीन GSTA (SFTC) द्वारा माननीय कोर्ट में 18460 के लिए की जा पैरवी (2011_2014) में भी गंभीरता का परिचय नही दिया और केस आपसी कलह के कारण निरस्त हो गया। वर्तमान GSTA ने शिक्षकोँ का भारी आर्थिक नुकसान करा दिया।*
*वर्तमान GSTA ने अनुभवहीनता के कारण सन 2016 में सातवे पे कमीशन में भी शिक्षक हित मे पैरवी नही की थी परिणामस्वरूप शिक्षकों को और ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाने को मजबूर कर दिया।*
*तत्कालीन GSTA (SFTC) ने अपने कार्यकाल में सन 2006 में छठे पे कमीशन में महासचिव रहे आदरणीय श्री राज किशोर शर्माजी ने शिक्षक हित में प्रभावी पैरवी की थी जिसके परिणामस्वरूप शिक्षकों के वेतन में भारी उछाल आया था और हमारे सभी शिक्षक साथी खुश थे।*
*साथियों भविष्य में आठवा पे कमीशन (2026) भी आयेगा।अबकी बार आपको इस बात को ध्यान में रखकर GSTA को वोट देना है जो पे कमीशन में प्रभावी पैरवी कर शिक्षकों को आर्थिक लाभ दिलवा सके।*
*भाईयो/बहनों तत्कालीन GSTA(SFTC) के पदाधिकारियों ने कभी भी शिक्षकों के कंधों की सीढ़ियां बनाकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा को परवान नहीं चढ़ने दिया। चाहें वह आदरणीय एस. एन. दीक्षित जी हों, ओम सिंह जी हों, राज किशोर शर्माजी हों या डी. के. तिवारीजी हों। आदरणीय दीक्षित जी को सेवा निवृत हुए लगभग 25 वर्ष का समय हो चुका है लेकिन वह आज भी शिक्षक हित में चिंतन करते हैं।*
*भाईयो/ बहनों SFTC का हमेशा से इतिहास रहा है कि SFTC ने शिक्षकों के मान सम्मान को कभी कलंकित नहीं होने दिया। शिक्षकों की अस्मिता को कभी बे आबरू नहीं होने दिया।*
*SFTC ने हमेशा शिक्षक समाज को सम्मान और आत्म गौरव की अनुभूति ही कराई है।*
*जय शिक्षक* *जय भारत*
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