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स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम
तैयारी के बिंदु
- अपने क्षेत्र के विद्यालयों की सूची बनाना
- उपलब्ध कार्यकर्ताओं की सूची बनाना 3 कार्यकर्ताओं की सहमति से कम से कम 2 कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर उनको तीन या चार विद्यालय कार्यक्रम करने को देना
- दोनों कार्यकर्ता विद्यालयों में संपर्क कर प्रधानाचार्य तथा अन्य शिक्षकों को कार्यक्रम की रूपरेखा समझा का 1 अगस्त का समय तय करना
- विद्यालय क्षेत्र में शहीद परिवार की पहचान कर परिवार से बात करना
- प्रत्येक टीम अपने अपने हिस्से के विद्यालयो में जाकर भारत माता चित्र आदि देकर कार्यक्रम की तैयारी का अवलोकन करना
- कार्यक्रम में प्रयोग होने वाली वस्तुएं शहीदों के चित्र ,दीप स्टैंड पुष्प मालाएं ,देशभक्ति नारेएवं स्लोगन लिखित पत्रिकाएं उपलब्ध करवाना
- 1 अगस्त को समय से पहले पहुंच कर समय पर कार्यक्रम शुरू करना।
- विद्यालय से बाहर इकट्ठे होकर यहां से शहीद परिवार समाज के सदस्यों, एसएमसी सदस्यों आदि के साथ देशभक्ति के नारे लगाते हुए विद्यालय में आना ।
- वहां पहले से बैठे हुए छात्रों व शिक्षकों के साथ सभी को बैठाना ।
- स्टेज पर चार या पांच से अधिक कुर्सी न लगाना ।
- प्रस्तावक द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत करना ।
- मंचासीन द्वारा भारत माता ,शहीद के चित्रों पर माल्यार्पण करना, दीप प्रज्वलन करना ।
- भारत माता की आरती करना।
- सभी का परिचय कराना, शहीद परिवार के लोगों को शाल ,श्रीफल, पुष्प कुछ या पगड़ी पहनाकर सम्मानित करना ।6-संगठन का परिचय देना ।
- छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत या कविता का गायन कराना ।
- मुख्य वक्ता का उद्बोधन।
- स्टाफ सचिव /एसएमसी मेंबर /शहीद परिवार सदस्य 2 शब्द बोले।
- विद्यालय प्रमुख का उद्बोधन।
- धन्यवाद ।
- जलपान।
वक्ता इस कार्यक्रम के उद्देश्य को समझते हुए अपने विवेक से निम्न बिंदुओं को अपने वक्तव्य में शामिल कर सकते हैं
- कार्यक्रम का उद्देश्य।
- भारत का गौरवशाली इतिहास कृषि ,शिल्प उद्योग ,व्यापार ,शिक्षा -चिकित्सा ,आयात -निर्यात, जीडीपी सामाजिक व्यवस्था का संक्षिप्त वर्णन ।
- भारत सोने की चिड़िया।
- विदेशी लूट के उद्देश्य से भारत आए ,भारतीयों में फूट जाली यहां शासन करने लगे और शासन चलाने के लिए उन्होंने अपने पक्ष के सख्त कानून बनाए लोगों पर अत्याचार किए।
- 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की आवश्यकता क्यों पड़ी उसकी असफलता के कारण ।
- 1905 के बाद नरम दल और गरम दल ।
- 1857 से 1947 तक तीन लाख लोगों का बलिदान, बहुत सारे ऐसे अज्ञात ,अनाम है जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर किए ।
- भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद ,सुभाष चंद्र बोस, उधम सिंह आदि के प्रसंग ।9-विद्यालय क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान ।
- विद्यार्थियों के लिए देशभक्ति के प्रसंग 11-वर्तमान चुनौतियों में हम क्या कर सकते हैं ।
- शिक्षक एवं माता-पिता बच्चों को भारतीय संस्कृति ,जीवन मूल्य एवं संस्कारों से अवगत कराएं तथा समय-समय पर उनको ऐसे कार्यक्रमों में अपने साथ ले जाएं।
- 15 अगस्त के दिन सभी अध्यापक, बच्चे व नागरिक अपने घरों पर तिरंगा फहराए ,रंगोली बनाएं एवं दीप जलाएं।
- आवश्यक सावधानी-कार्यक्रम के समय विवादित शब्दों के इस्तेमाल से बचना व किसी प्रकार के विवाद में न फंसते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाना।किसी प्रकार की अप्रिय घटना की स्थिति में धैर्य से काम लेना तथा कार्यकर्ताओं से संयम बरतने को कहना।विवाद बढ़ने की स्थिति में क्षमा मांगते हुए कार्य स्थगित करना ही उचित होगा।सभी अपने स्वविवेक से कार्यक्रम को अंजाम तक पहुंचाने का प्रयत्न करें
अजय कुमार सिंह वेद प्रकाश
संयोजक अध्यक्ष
आयोजन समिति दि. अ. प.
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