प्रेस विज्ञप्ति
दिल्ली अध्यापक परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल महामंत्री राजेन्द्र गोयल, अतिरिक्त महामंत्री अवधेश पाराशर, राजकीय निकाय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, सहायता प्राप्त निकाय मंत्री डॉ शरद शर्मा के नेतृत्व में आज दिनांक 3 जून 2021 को शिक्षा निदेशक महोदय श्रीमान उदित प्रकाश राय जी से मिलकर बड़ी संख्या में *प्रमोशन करने और उनकी शीघ्र पोस्टिंग प्रक्रिया प्रारंभ करने* तथा *शिक्षकों को फ्रण्टलाइन कर्मचारी मानकर सभी को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगवाने के आदेश* के लिए आभार व्यक्त किया।
परिषद की टीम ने निदेशक महोदय से अपने *पत्र संख्या DAP/30/2021; दिनांक 31.05.21* के आधार पर निवेदन किया कि हमारे बहुत से शिक्षक भाई-बहन पिछले कुछ वर्षों से *अपने घर और कई साथी तो अपने जिला से भी दूर* हैं। उनके *स्थानांतरण की प्रक्रिया* पिछले वर्ष से कोरोना काल के कारण *प्रारंभ नहीं हो पाई,* जिसका आग्रह *परिषद बार-बार* करती रही है। इसलिए स्थानांतरण की प्रक्रिया को भी *तत्काल प्रारंभ* कर दिया जाए। जिससे सभी अपने घर के नजदीक के विद्यालय में आ सकें। निदेशक महोदय ने इस *सुझाव की सराहना* करते हुए *शीघ्र प्रक्रिया प्रारंभ* करने को कहा।साथ ही वैसे साथियों को भी स्थानांतरण का मौका ऑनलाइन माध्यम में देने के आग्रह किया गया जिनका प्रोन्नति पिछले वर्ष हुआ है। दो वर्ष से पहले कोई साथी स्थानांतरण ऑनलाइन तरीके से नहीं भर सकता है, इसके लिए क्लाउज का हवाला दिया गया जिसमें सपष्ट लिखा हुआ है कि अगर प्रोन्नति के समय भरे गए पहले विद्यालय का विकल्प नहीं मिला है तो स्थानांतरण हो सकता है। निदेशक महोदय को महामंत्री राजेन्द्र गोयल जी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उनका पोस्टिंग तुगलकाबाद एक्सटेंशन हो गया था लेकिन 8 महीने बाद ही ऑनलाइन प्रक्रिया से स्थानांतरण हो गया था। निदेशक महोदय इससे काफी सन्तुष्ट हुए और ऐसे अध्यापकों के लिए भी स्थानांतरण का विकल्प खोलने का आश्वाशन दिया।
परिषद ने अपने पत्र क्रमांक DAP/31/2021; दिनांक 31.05.21 के आधार पर *सेवानिवृत्त होने वाले* साथियों की *सर्विस बुक से संबंधित समस्या* की भी बात की। परिषद ने कहा कि सेवानिवृति के बाद शिक्षकों को सभी आर्डर की कॉपी इकट्ठा करने में काफी कठिनाई होती है और मजबूरी में अध्यापक को ग़ैरमुनासिब तंत्र का सहारा लेना पड़ता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। परिषद ने सुझाव दिया कि सभी परविष्ठियाँ कॉपी की मूल प्रति जांचकर ही HOS के हस्ताक्षर से की जाती है, इसलिए उन प्रविष्ठियों को ही प्रामाणिक मानकर आगे की प्रक्रिया पूर्ण मि जानी चाहिए। शिक्षा निदेशक महोदय ने परिषद के इस सुझाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सुझाव बहुत महत्वपूर्ण है। HOS *ऑर्डर की सत्यता को जांच कर और संतुष्ट होकर* उसकी प्रविष्टियों पर अपने हस्ताक्षर कर रहे हैं तो सेवानिवृति के समय *सम्बंधित आर्डर की कॉपी की आवश्यकता नहीं* होनी चाहिए। इसके लिए निदेशक महोदय ने शीघ्र आदेश निकालने का भरोसा दिलाया।
विद्यालयों में *प्रधानाचार्य तथा उप प्रधानाचार्य के प्रमोशन* के सम्बंध में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण *यूपीएससी कार्यालय बंद* होने से *प्रक्रिया पूर्ण* नहीं हो पाई है। सोमवार से UPSC के खुलने की संभावना है अतः यह प्रमोशन भी शीघ्र हो जाएंगे।
सहायता प्राप्त विद्यालयों के आवश्यक विषयों *(चिकित्सा अदायगी मामलों में 5% की अनावश्यक अनिवार्यता एवं बैंक में GPF होने से आर्थिक हानि)* पर विस्तार से चर्चा हुई। *पूर्व शिक्षा निदेशक एवं सम्बंधित अधिकारियों की सहमति* बनने के बावजूद यह दोनों विषय पिछले *दो वर्षों से निदेशालय में लंबित* हैं, इन दोनों ही विषयों पर परिषद निरंतर प्रयास कर रही है। निदेशक महोदय ने बताया कि *पिछले सप्ताह परिषद द्वारा पुनः विषय रखने* पर उनकी फाइल बनाकर भेज दी थी। यह *दोनों विषय शिक्षा सचिव* महोदय के समक्ष *विचाराधीन* हैं। निदेशक महोदय ने आश्वस्त किया है कि वह इन विषयों पर सचिव महोदय से चर्चा कर *अगले सप्ताह तक वित्त विभाग, दिल्ली सरकार* को भेजने का हरसंभव प्रयास करेंगे।
शिक्षा निदेशक महोदय से दिल्ली के अनेक *सहायता प्राप्त विद्यालयों की प्रबंध समितियों द्वारा नियमों की अनदेखी* कर कर्मचारियों के वेतन में 5% की अनिवार्यता को पूर्ण न करने पर नियमों के तहत सख्त कार्यवाही करते हुए उस सम्बंधित *विद्यालय को अधिग्रहण* करने पर भी विस्तार से चर्चा हुई। इस *अतिसंवेदनशील विषय* पर निदेशक महोदय ने व्यवस्था में *कुछ तकनीकी व्यवधानों* का हवाला देते हुए बताया कि अब *अधिकांश व्यवधान स्वतः ही समाप्त* हो चुके है अतः इस दिशा में शिक्षा निदेशालय द्वारा *उचित कार्यवाही* करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
निदेशक महोदय ने चर्चा के क्रम में कहा कि अध्यापक परिषद जो भी समस्या प्रस्तुत करती है उसके लिए साथ ही समाधान भी उपलब्ध करा देती है,साथ ही सभी मुद्दे छात्र और शिक्षा हित में ही प्रस्तुत करती है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में परिषद के सुझाव की सराहना करते हुए कहा कि परिषद के कार्यशैली से मैं बहुत प्रभावित हूँ और सीखता भी हूँ। त्रिदिवसीय अभ्यास वर्ग के अंतिम सत्र में रहने की उन्होंने सहमति प्रदान की है। ज्ञातव्य हो कि दिल्ली अध्यापक परिषद का त्रिदिवसीय अभ्यास वर्ग 6 सत्र में 4,5,6 जून को होने वाला है, जिसमें अंतिम सत्र के मुख्य वक्ता ABRSM के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान जे.पी.सिंघल जी (पूर्व कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय) रहेंगे।
शिक्षा निदेशाक जी के सद्व्यवहार और समस्या समाधान की ततपरता की जितनी सराहना की जाए कम है। उनके साथ बातचीत सकरात्मक और सार्थक रही। दिल्ली अध्यापक परिषद उनका हार्दिक आभार व्यक्त करती है।
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