नई दिल्ली-15 जुलाई, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने माध्यमिक संवर्ग के शिक्षकों की समस्याओं को लेकर आज देश के सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपकर उनके शीघ्र निराकरण की मांग की है।
इस अवसर पर दिल्ली के सभी जिला मुख्यालयों पर बड़ी संख्या में *दिल्ली अध्यापक परिषद के प्रदेश, राजकीय निकाय एवं जिला कार्यकारिणी के सदस्यों* की उपस्थिति रही।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ज्ञापन में प्रमुख रूप से *केन्द्र एवं राज्य स्तर पर स्वायत्त माध्यमिक शिक्षा आयोग का गठन*, केन्द्र सरकार द्वारा जी.डी.पी. का 10% एवं राज्य सरकार द्वारा 30% व्यय करना, केन्द्रीय शिक्षकों के समान सातवें वेतन आयोग की संस्तुति के आधार पर सभी राज्यों के शिक्षकों को वेतनमान एवं अन्य भत्ते प्रदान करना व वेतन विसंगतियों को दूर करना, *नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करना*, सेवा निवृत्ति आयु पूरे देश में एक समान 65 वर्ष करना, समान कार्य समान वेतन हेतु राष्ट्रीय नीति का निर्धारण, सम्पूर्ण देश में समान सेवा शर्तें एवं अन्य सुविधाओं में एक रूपता, माध्यमिक शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों के रिक्त पदों को भरना, *माध्यमिक शिक्षा के निजीकरण की आड़ में शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक*, सभी शिक्षकों को केन्द्रीय शिक्षकों की भांति चिकित्सा भत्ता एवं अस्पताल में भर्ती की सुविधा, गैर शिक्षकीय कार्यों से मुक्ति, *शिक्षा कैडर का निर्माण*, पदोन्नति प्रक्रिया की नियमबद्धता एवं सरलीकरण, *चाइल्ड केयर लीव के स्थान पर फैमिली केयर लीव की सुविधा*, छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 के स्थान पर कक्षावार करना, *संपूर्ण शिक्षा एक ही मंत्रालय के अधीन करना*, जी.पी.एफ. में जमा राशि से ॠण बैंक में जमा राशि की तरह आहरण का प्रावधान, उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को अतिरिक्त वेतनवृद्धि, स्व वित्त पोषित शिक्षा संस्थानों की कुल आय का 80% शिक्षकों के वेतन पर व्यय करना, व्यावसायिक, शारीरिक एवं कम्प्यूटर शिक्षा के लिए नियमित शिक्षकों की नियुक्ति आदि मांगें शामिल हैं।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी.सिंघल, महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा, संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर, *दिल्ली अध्यापक परिषद के संरक्षक जयभगवान गोयल, प्रदेश अध्यक्ष वेदप्रकाश, महामंत्री राजेन्द्र गोयल, राजकीय निकाय के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, मंत्री ज्ञानेंद्र मावी*,सहित सभी पदाधिकारियों ने उपरोक्त मांगों पर यथा शीघ्र समुचित निर्णय लेने की मांग की है।
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