सम्मानित साथियों
आज के समय में देश के निर्माता और सुसंस्कृत समाज के उत्तरदायित्व का बोझ सहने वाले अध्यापक साथियों के साथ जो बर्ताव और दुर्दशा तथा अपमान हो रहा है उसका ज्वलन्त उदाहरण आज फिर देखने को मिला है जिस से मन में बहुत पीड़ा और आक्रोश का सैलाब उमड़ रहा है।
साथियों आज शिक्षा निदेशक के द्वारा gbsss मुखर्जी नगर विद्यालय में औचक निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कुछ कमियों के जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों के बजाय असहाय अध्यापकों के साथ दोगलापन करते हुए निलंबन और टर्मिनेट तक की कार्यवाही की गयी।
साथियों यह कार्यवाही जहन में बहुत सवालों को जन्म देती है।
1__क्या यह कार्यवाही उचित थी?जो जिम्मेदार अधिकारियों और सम्बंधित एजेंसियो को सिर्फ ट्रांसफर कर के बचा लिया गया और निर्दोष अध्यापक साथियों को टर्मिनेट और सस्पेंड कर दिया गया।
2__क्या मिड डे मिल की जिम्मेदारी और विद्यालयों में खाना बाटने की जिम्मेदारी अध्यापको की है या अध्यापकों को पढ़ाने के लिए लगया हुवा है?
3__बिना सुचना के प्रिंसिपल और वाईस प्रिंसिपल विद्यालय के बाहर है और विभाग के ही आदेश में कहा गया था की कोई भी विद्यालय बिना hos या इंचार्ज के नही रहना चाहिए तो क्या ये विभाग के आदेश की अवहेलना नही थी?फिर भी उनका सिर्फ ट्रांसफर किया गया और जिन साथियों का कोई गुनाह नही उन्हें निलंबित होना पड़ा क्या यह कार्यवाही न्यायोचित थी?
4__जिस सफाई एजेंसी को ठेका दिया हुवा है और उसकी कर्मचारियो के सही काम नही करने की वजह से किसी अतिथि सरकारी कर्मचारी को हटाना क्या तर्कसंगत था?
5__क्या उस एजेंसी पर कोई कार्यवाही नही होनी चाहिए थी?क्या शिक्षा निदेशक के द्वारा किया गया बर्ताव उचित था?
6__क्या शिक्षा निदेशालय के परिसर में सभी जगह उचित साफ़ सफाई और गन्दगी लेसमात्र भी नही है?
7__क्या शिक्षा निदेशक ने अपने कार्यालय कर्मचारियों को अनियामितताओ की वजह से कभी किसी कर्मचारी को सस्पेंड या टर्मिनेट किया?
8__क्या शिक्षा निदेशालय के सभी कर्मचारी अध्यापकों के सभी काम समय पर पूर्ण कर रहे है और जो कर्मचारी या अधिकारी टाइम पर काम नही कर रहे है क्या उनको टर्मिनेट या सस्पेंड नही किया जाना चाहिए?
9__विभाग ने विद्यालयों ने उचित मिनिस्ट्रियल स्टाफ नही लगा रखा जिसका कार्यभार का अकारण बोझ शिक्षक साथियों को झेलना पड़ता है क्या इसकी जिम्मेदारी निदेशक महोदय की नही है तो क्या इस विषय कोई कार्यवाही नही होनी चाहिए?
10__आधा सत्र व्यतीत हो जाने के बाद भी सभी विद्यालयों में अध्यापक डायरियां नही पहुँच पायी है क्या जिम्मेदार अधिकारी और एजेंसी पर शिक्षा निदेशक को कार्यवाही नही करनी चाहिए थी?
बड़े दुःख और अफ़सोस की बात है की जिस सविधान में बड़े बड़े अपराधी को भी कानून सुधर के लिए प्रयास और मौका देता है उस देश में इस तरह का व्यवहार कोई अधिकारी अपने ही कर्मचारी पर ना जिम्मेदार होते हुए भी कैसे कर जाते है ।
साथियों ऐसे तमाम मुद्दे है जो सवालों के घेरे में है पर उनका कोई जिम्मेदार नही है क्यों की उनके जिम्मेदर खुद वो अधिकारी है जो अध्यापको पर कार्यवाही करते है इसलिए उनके लिए सब माफ़ है।शिक्षा निदेशक द्वारा आज की कार्यवाही अनुचित ,दोगलेपन,और अव्यवहारिक तथा निंदनीय है आज इस कार्यवाही ने एक पुराणी कहावत चरितार्थ कर दी "बाबा सब को कहे बाबा को कौन कहे"। जो शिक्षक समाज और राष्ट्र का निर्माता है उसे अपने ही समाज के अधिकारियों द्वारा अपमानित और निंदनीय व्यवहार किया जायेगा तो शिक्षक को कहाँ सम्मान और पनाह मिलेगी।
लेखक : व्हाट्सएप द्वारा प्राप्त
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