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Home » » अपग्रेडिड वेतनमान PRT को 16290,TGT को 18460,PGT को 18750 देने का मुद्दा मा0 विधायक मदनलाल जी ने आज दिनांक 07-06-2018 को दिल्ली विधान सभा में उठाया

अपग्रेडिड वेतनमान PRT को 16290,TGT को 18460,PGT को 18750 देने का मुद्दा मा0 विधायक मदनलाल जी ने आज दिनांक 07-06-2018 को दिल्ली विधान सभा में उठाया

अपग्रेडिड वेतनमान PRT को 16290,TGT को 18460,PGT को 18750 देने का मुद्दा मा0 विधायक मदनलाल जी ने आज दिनांक  07-06-2018 को दिल्ली विधान सभा में उठाया जो कि अक्षरशः इस प्रकार था।

अध्यक्ष महोदय,
दिल्ली सरकार को पूर्ण राज्य का अधिकार न होने का एक और उदहारण सदन के समक्ष पेश करता हूँ | महोदय मैं आपके माध्यम से इस सदन का ध्यान समाज के पथ प्रदर्शक और राष्ट्र निर्माता यानि राष्ट्र का भविष्य तैयार करने वाले शिक्षक के साथ हो रहे अन्याय, परिस्थितिजन्य विवशता, कैट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक वकीलों और अदालतों के चक्कर लगाने, और इन सब से ऊपर वित्त विभाग व शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की शिक्षकों के प्रति घोर उदासीनता की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ | महोदय यह मामला पिछले 10 वर्षों से लंबित दिल्ली के शिक्षकों को उनके सही वेतनमानो PRT को 16290, TGT को 18460, PGT को 18750 के उनके नियमानुसार संवैधानिक अधिकार को आज तक भी न दिए जाने का है ।

अध्यक्ष महोदय, यह परिस्थिति सन 2008 में छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गए केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के लागु होने के बाद उत्पन्न हुई| केंद्र सरकार द्वारा 5 अक्टूबर 2006 को केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन की सिफारिश करने के लिए जस्टिस बी० एन० श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में छठे वेतन आयोग का गठन किया गए था | आयोग ने मार्च 2008 में अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंप दी | वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने 29 अगस्त 2008 को केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम,2008 को अधिसूचित कर दिया | ये नियम 1 जनवरी 2006 से लागु किये गए थे |

अध्यक्ष महोदय, छठे वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बी०एन०श्रीकृष्णा ने आईएएस अधिकारी, शिक्षकों, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट, नर्सों और हेड क्लर्क, कॉन्स्टेबलों आदि के वेतनमानों को बढाने के लिए विशेष संस्तुतियां की थी |

अध्यक्ष महोदय, छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के पैरा संख्या 3.8.3(D) एवं (F) में जस्टिस श्रीकृष्णा ने विशेष रूप से शिक्षकों को वेतनमान अपग्रेड करके वेतनमान बढाने की संस्तुति करने के कारण भी बताये थे ।

अध्यक्ष महोदय, छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के पैरा संख्या 3.8.22 में आयोग ने शिक्षकों के लिए न केवल पूर्व संशोधित वेतनमानों को अपग्रेड करके वेतनमान बढाने की संस्तुति की अपितु यह भी उल्लेख किया कि शिक्षकों को यह अपग्रेडिड वेतनमान क्यों मिलना चाहिए | इस पैरा में जस्टिस श्रीकृष्णा लिख़ते हैं -

“In order to attract better Teachers and to retain them in the Government, the Commission is inclined to recommend a higher start for Primary School Teachers. This, along with the restructuring of pay 

scales being recommended by the Commission, will necessitate restructuring of the existing pay scales of Teachers.”

अध्यक्ष महोदय, जस्टिस श्रीकृष्णा द्वारा शिक्षकों के लिए पैरा 3.8.22 में की गयी अपग्रेडेड वेतनमान की संस्तुति को केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के पार्ट B के सेक्शन II में पॉइंट नंबर 17 पर सम्मिलित भी कर लिया (प्रतिलिपि संलग्न) | जिसमे PRT को 4500-7000 से 6500-10500, TGT को 5500-9000 से 7450-11500 एवं PGT को 6500-10500 से 7500-12000 पर प्री रिवाइज्ड वेतामानों में ही अपग्रेड करने की संतुति व स्वीकृति 1 जनवरी 2006 से दी गई है । 

अध्यक्ष महोदय, केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के अनुसार 1 जनवरी 2006 से मूल वेतन के निर्धारण के लिए सीसीएस आर०पी०रूलस 2008 के नियम 7(1)A(i)&(ii) दिया गया है | रूल 7 के अनुसार अपग्रेडेड वेतन के निर्धारण के तरीके की व्याख्या रूल 7 के नीचे दिए गए नोट 2A तथा इलस्ट्रेशन 4A में दी गयी है |

अध्यक्ष महोदय, केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के इसी रूल 7, नोट 2A तथा इलस्ट्रेशन 4A के अनुसार आईएएस अधिकारी, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट, और हेड क्लर्क आदि को अपग्रेडिड करके तत्समय ही बढाए गए वेतनमान दे दिये गये है | यहां तक कि हेड क्लर्क/DASS केडर को केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम,2008 के नोटिफिकेशन के समय अपग्रेडिड वेतनमान की संस्तुति भी नहीं थी और उनको 2015 में एक OM के जरिये अपग्रेड कर दिया गया और दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग एवं सर्विसेज डिपार्टमेंट ने स्वयं के स्तर से ही एक सर्कुलर जारी करके हेड क्लर्कों को 4600 के ग्रेड पेय में 18460 का अपग्रेडीड वेतनमान दे दिया । (प्रतिलिपि संलग्न) अध्यक्ष महोदय, इसके लिए कोई भी फाइल अप्प्रूवल के लिए केंद्र सरकार को नहीं भेजी गयी |

अध्यक्ष महोदय, मैं यहाँ पर आपके माध्यम से इस सदन का ध्यान दिल्ली की चुनी हुई सरकार के ऊपर बैठाये गए केंद्र सरकार के नुमाईंदे माननीय LG साहब के सीधे नियंत्रण में काम कर रहे शिक्षा विभाग व वित्त विभाग के उच्च अधिकारीयों की मनमानी और दिल्ली के माननीय उप मख्यमंत्री जी के इस सम्बन्ध में दिए गए निर्देशों, आदेशों की अवहेलना की ओर दिलाना चाहता हूँ | 

अध्यक्ष महोदय, मुझे पता चला है कि गत कई वर्षों से लंबित यह प्रकरण जैसे ही दिल्ली के माननीय उप मख्यमंत्री जी के संज्ञान में आया उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपने सुधारात्मक एजेंडा के क्रम में 

शिक्षकों को उनके अधिकार को दिलाने के गम्भीर प्रयास के तहत पिछले वर्ष 6 अप्रैल 2017 को प्रमुख सचिव वित्त विभाग, शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों व शिक्षक प्रतिनिधियों की एक बैठक 

अपने कार्यालय में बुलाई । जिसमे इस बात पर सहमति बनी कि शिक्षकों को उनके अपग्रेडिड वेतनमानों को जल्द से जल्द देने की कार्यवाही की जाय । मा0 उपमुख्यमंत्री जी ने वित्त व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द फ़ाइल पुटअप करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन वित्त विभाग के अधिकारियों की और से कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया । उसके बाद 26 सितम्बर 2017 व् 16 अक्टूबर 2017 को क्रमशः शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक को तथा 30 जनवरी 2018 को मुख्यसचिव को लिखित नोट के माध्यम से निर्देशित और आदेशित किया कि प्राइमरी टीचर, TGT तथा PGT को केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के नियम 7(1)A(i)&(ii) के अनुसार 4200,4600 तथा 4800 के ग्रेड पेय में 1 जनवरी 2006 से अपग्रेडेड वेतनमान प्राइमरी टीचर के लिए न्यूनतम 16290 ,TGT के लिए 18460 तथा PGT के लिए 18750 में निर्धारण करने का उचित सर्कुलर जारी कर दिया जाये | (प्रतिलिपि संलग्न) 

अध्यक्ष महोदय, दिल्ली के माननीय उप मख्यमंत्री जी ने 30 जनवरी 2018 को एक लिखित नोट (प्रतिलिपि संलग्न) के माध्यम से दिल्ली के मुख्य सचिव महोदय को यह निर्देश भी दिया कि टीचर्स के अपग्रेडिड वेतनमान को केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा पहले ही नोटिफाइड व अप्रूवड किया जा चुका है अतः नोटिफाइड व अप्रूवड वेतनमानो को फिर से अप्रूवल लेने की कोई फाइल केंद्र सरकार को भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन अभी तक भी मा0 उपमुख्यमंत्री के शिक्षकों को दिए जाने वाले सही वेतनमानों के सम्बंध में दिए गए नोट पर कोई निर्णय लिया गया । महोदय, गजेट नोटिफिकेशन द्वारा बनाये गए नियम व कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है? दिल्ली के हजारों शिक्षकों को पिछले 10 वर्षों से कोर्ट कचहरी के चक्कर कौन लगवा रहा है? इसकी जम्मेदारी आज ये सदन तय करे और शिक्षकों के अपग्रेडिड वेतनमानों को लागू कराने का प्रस्ताव पारित करके ये सदन शिक्षकों को न्याय दिलाये ।

अध्यक्ष महोदय, मुझे पता चला है कि माननीय LG साहब के सीधे नियंत्रण में काम कर रहे इन वित्त विभाग के अधिकारीयों ने उप मख्यमंत्री जी के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना करते हुए टीचर्स को अपग्रेडेड वेतनमान देने की फाइल को अनावश्यक होते हुए भी केंद्र सरकार को भेजने की संस्तुति तो कर दी है लेकिन फ़ाइल को अभी लटकार कर बैठे हैं और इस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है | (प्रतिलिपि संलग्न) 

अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से इस सदन का ध्यान माननीय सुप्रीम कोर्ट के 1 सितम्बर 2017  के एक आदेश की और दिलाना चाहता हूँ | अध्यक्ष महोदय, दिल्ली सरकार बनाम सोमवीर राणा के केस में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टीचर्स को अनावश्यक रूप से कैट न्यायालय से लेकर उच्च न्यायलय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं | जिससे कोर्ट का भी कीमती 

समय बर्बाद हो रहा है | अतः माननीय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि टीचर्स को सही वेतनमान/PAY SCALE देने के लिए तुरंत उचित सर्कुलर जारी करे | (प्रतिलिपि संलग्न)

अध्यक्ष महोदय, केंद्र सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पूरे 6 महीने के बाद 16 अप्रैल 2018 (प्रतिलिपि संलग्न) को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के माध्यम से केवल TGT अध्यापकों के लिए एक OM जारी किया जिसमे न तो कोई Pay Scale का जिक्र किया गए और न ही केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के किसी रूल का | इस OM से तो ऐसा लगता है कि जैसे केंद्र सरकार में बैठे उच्च पदों पर बैठे लोग सुप्रीम कोर्ट का आदेश व वेतनमानों से संबंधित नियम भी पढ़ना नहीं जानते या जान बूझकर पढ़ना नही चाहते और इस OM को जारी करके ऐसा व्यहवहार कर रहे हैं कि जैसे शिक्षकों को उनका हक नहीं उनको अनुदान या भीख दे रहें हों और महोदय उनसे भी बढ़कर उसी क्रम में हमारे शिक्षा विभाग ने भी बिना किसी नियम व कानून का उल्लेख किये एक मनमाना आदेश दिनांक 22 मई 2018 के माध्यम से जारी कर दिया है यह आदेश भी शिक्षकों को उनके वाजिब हक से वंचित करता है और निंदनीय है ।

अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित अधिकारियों से पूछना चाहता हूँ कि प्राइमरी टीचर, TGT तथा PGT शिक्षकों के लिए आखिर कोई पे स्केल है या नहीं? इन शिक्षकों के वेतन के निर्धारण के लिए क्या कोई रूल है या नहीं है? या फिर नियम तो है लेकिन उसे लागू न करके शिक्षकों को जानबूझकर उनके वाजिब हक से वंचित किया जा रहा है ।

अध्यक्ष महोदय, केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के रूल 7(1)A(i)&(ii) के अंतर्गत अनेक विभागों में अपग्रेडिड वेतनमान दिया जा चुका है | यहाँ तक कि दिल्ली सरकार में कार्यरत् हेड क्लर्क (DASS) को भी इसका लाभ मिल चुका है और दिल्ली के माननीय उप मख्यमंत्री जी के बार बार दिए जा रहे निर्देशों, आदेशों के बावजूद भी राष्ट्र का भविष्य तैयार करने वाले प्राइमरी टीचर, TGT तथा PGT शिक्षकों को 16290, 18460 तथा 18750 के अपग्रेडिड वेतनमान के हक़ मिलने के स्थान पर सिर्फ इन्तजार ही करने को मिला है | 

अध्यक्ष महोदय, शिक्षा दिल्ली सरकार का मुख्य एजेंडा है | दिल्ली सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है | दिल्ली सरकार ने शिक्षा के लिए हज़ारों करोड़ के बजट का प्रावधान भी किया है| परन्तु अफ़सोस की बात है कि शिक्षा में सुधार का मूल स्तम्भ यानि कि शिक्षक, जिसे स्कूल में रहकर देश के भविष्य और आज के नन्हे मुन्नों को अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाना है, वो शिक्षक आज कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो रहा है |

अध्यक्ष महोदय, जब केंद्र सरकार के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 16-04-2018 से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार को ही शिक्षकों को अपग्रेडेड वेतन देने के लिए होने वाले खर्चे को वहन करना है तो फिर इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति की क्या आवश्यकता है और क्यों है?

अतः महोदय आपके माध्यम से में इस विषय पर सदन में विशेष सत्र आहूत कर चर्चा चाहता हूँ और शिक्षको के वेतनमान से संबंधित नियम होते हुए भी नियम लागू न करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही तथा शिक्षको के उनके वाजिक हक PRT को 16290,TGT को 18460, PGT को 18750 को दिलाने का प्रस्ताव पास कराना चाहता हूँ और इस कारण से भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना आवश्यक है जिससे दिल्ली के शिक्षकों सहित किसी भी कर्मचारी को उसके हक़ से वंचित न होना पड़े | 
                                  धन्यवाद




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