अध्यापक शक्ति मंच की चुनौती - की अगर दूसरी शिक्षक यूनियन के पास अपने आप को सिद्ध करने के प्रमाण है तो तथ्यों के साथ समाज के सामने खुद को प्रमाणित करें
साथियों
🙏 सादर प्रणाम🙏
विद्या की देवी माँ शारदा के चरणों में नमन करते हुए अपनी बात को प्रबुद्ध समाज के सामने रखने का प्रयास कर रहा हूँ।
साथियों जैसा की आप सभी को ज्ञात है अध्यापक शक्ति मंच के उपाध्यक्ष श्री सोमवीर राणा जी ने और उनके साथियों ने अथक प्रयासों से छठे पे कमीशन की वेतन विसंगति, 17140 का निराकरण माननीय उच्चत्तम न्यायालय में विभाग और सरकार के खिलाफ case जीतकर करवाया। साथियों यह जीत श्री सोमवीर राणा जी और उनके साथियों के व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम था।लेकिन बात यही खत्म नही हो जाती इस से आगे भी यह संघर्ष निरंतर चलना लाजमी था क्यों की माननीय न्यायालय के द्वारा श्री राणा जी और अन्य साथियों के पक्ष ने निर्णय दिया था लेकिन दिल्ली का सम्पूर्ण प्रबुद्ध शिक्षक समाज इस लाभ से अब भी वंचित था।दिल्ली के शिक्षक समाज की इस पीड़ा को समझकर अध्यापक शक्ति मंच के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र डबास जी और महासचिव श्री राजेंद्र यादव ने दिल्ली के शिक्षक साथियों के लाभ हेतु 17140 के जनरल ऑडर के लिए फिर से एक बार माननीय न्ययालय का रुख किया और न्यायालय द्वारा 17140 के लिए जनरल आर्डर निश्चित समय सीमा मे जारी करने के आदेश विभाग को दिए। लेकिन विभाग ने फिर से एक बार लेटलतीफी दिखाई और कोर्ट के आदेश की अवहेलना की। कोर्ट के द्वारा दी गयी समय सीमा खत्म होने के बाद अध्यापक शक्ति मंच के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र डबास ने श्रीमती सौम्या गुप्ता(डायरेक्टर शिक्षा विभाग) के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का case दायर किया और अंततः विभाग को अध्यापक शक्ति मंच के अथक प्रयासों के सामने 17140 के लिए जनरल आर्डर जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा । अंततः अध्यापक शक्ति मंच के साथ साथ दिल्ली के सम्पूर्ण शिक्षकों की जीत हुई और सभी को अपना हक़ मिला।
साथियों बडे खेद का विषय है कि हमारे शिक्षक समाज मे कुछ ऐसे लोग भी है जो विभाग के उच्च अधिकारियों की चाटुकारिता करने में कदम पीछेे नही हटाते और आज शिक्षक साथियों में इस विषय पर अपने झूठे प्रचार प्रसार में लगे हैं। ये लोग अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे हैं । साथियों मै उन लोगों को अध्यापक शक्ति मंच की और से चुनौती देता हूँ की अगर उनके पास अपने आप को सिद्ध करने के प्रमाण है तो तथ्यों के साथ समाज के सामने खुद को प्रमाणित करें नही तो समाज को झूठे प्रचार से बरगलाने का प्रयास ना करें। विभाग के आदेश मे स्पष्ट लिखा है कि श्री सोमवीर राणा केस के निर्णय का लाभ सभी योग्य शिक्षकों को दिया जाए । शिक्षक समाज उन लोगो को कभी माफ़ नही करेगा जिन्होंने अपने निजी स्वार्थों के चलते अपने पद का दुरूपयोग किया और समाज का हित करने के बजाय अहित करने में पूरी भागीदारी निभाई।
जय हिन्द
जय भारत
जय शिक्षक विनीत :-प्रवीण कुमार शर्मा - अध्यापक शक्ति मंच
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