🇮🇳 *शिक्षक न्याय मंच*(रजि)* 🇮🇳
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*GSTA के नाम खुला पत्र*
*आदरणीय C P सिंह जी,(अध्यक्ष)*
*अजयवीर यादव जी (महासचिव)*
शिक्षक न्याय मंच अंतिम विकल्प के रूप में यह खुला पत्र लिख रहा है कि 26 July 2014 को दिल्ली के समस्त शिक्षक समाज ने आपको भारी बहुमत से चुन कर GSTA में भेजा था।आपने अपने प्रचार में दीक्षित ग्रूप द्वारा 12 साल तक चुनाव न करवाने को लोकतन्त्र की हत्या बताया था एवम् अपने घोषणा पत्र में 2 साल बाद चुनाव करवाने का लिखित वायदा किया था।अब 3 साल 6 माह का समय बीत चुका है।कुछ प्रश्न शिक्षक न्याय मंच आपसे पूछना चाहता है:-
(1) सरकार एवम् विभाग हर दिन शिक्षक विरोधी आदेश निकाल रहे हैं। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, निदेशक सब शीतकालीन अवकाश पर,लेकिन शिक्षक और छात्र कड़ाके की ठण्ड में स्कूलो में ।यह आपकी ख़ामोशी मूक सहमति तो नहीं?
(2) क्या आप भी शिक्षक एकता को समाप्त करने के लिए अपनी सेवनिवृत्ति तक पद पर बने रहना चाहते हैं ? याद रखे जो तीन साल छः माह में नहीं मिला वो अगले दो साल में क्या मिलेगा ?
(3) जो सम्मान शिक्षक समाज ने आपको दिया है, और अधिक के लालच में अपने आपको 12 साल वालों की श्रेणी में ना ले जाएं।
(4) अजयवीर जी आपने दूसरे साल की आम सभा की बैठक के लिए त्यागराज स्टेडियम का वेन्यू माँग कर लोकतन्त्र का गला घोटने की शुरुआत दो साल बाद ही कर दी थी।
“ना सो मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।”
(5)आप GSTA महासचिव हैं, आम सभा बुलाने का अधिकार आपके पास है। सभी पैनल आपसे चुनाव के लिए आम सभा बुलाने की बोल चुके हैं,लेकिन आपके द्वारा पिछले छः माह में कोई कार्यवाही नहीं की गई। केवल दिखावे मात्र विभाग को चुनाव के लिए पत्र लिखकर अपना पक्ष साफ़ किया जा रहा है जबकि *इस बात को सब जानते है कि सरकार या विभाग कोई नहीं चाहता ये कठपुतली GSTA जाए और कोई मज़बूत GSTA आए* फिर ये *नूरा कुश्ती* का दिखावा किस लिए ?
प्रदीप डागर (अध्यक्ष)
शिक्षक न्याय मंच
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