🇮🇳 *शिक्षक न्याय मंच*(रजि)🇮🇳
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*आदरणीय महासचिव* *GSTA*
*आपने मेरे पत्र का जवाब दिया उसके लिए धन्यवाद। आपने अपने पत्र में जो लिखा है उससे शिक्षक समाज को अवगत करना आवश्यक हो गया है :-*
(1) *आपने पहले वर्ष के बाद 2015 में अपने विधालय में आम सभा की बैठक बुलाई थी जिसमें सभी पैनल ने भागीदारी की। जिसमें 150-170 के लगभग शिक्षकों ने भाग लिया जोकि GSTA सविधान के अनुरूप आवश्यक गतिविधि है।जो सरहनीय कार्य था सबने इस पहल की तारीफ़ भी की।*
(2) *2015 के बाद ऐसी कौन सी विषम परिस्थिति आ गई कि उसके बाद आज तक एक भी आम सभा नहीं हुई ? और आपकी पहली सफल आम सभा में 200 से कम शिक्षकों ने भाग लिया था फिर किस नियति से आपने “पाँच हज़ार की क्षमता वाला” त्यागराज स्टेडियम माँगा था। क्योंकि आपको पता था कि ना स्टेडियम मिलना ना आम सभा कर शिक्षकों को GSTA के कार्यों एवम् लेखा-जोखा का हिसाब देना।*
(3) *आप यह तो स्वीकार कर रहे हो कि आम सभा बुलाने का अधिकार आपके पास है और GSTA का कार्यकाल भी समाप्त हुए 6 माह का समय बीत चुका है। अगर आज चुनाव की घोषणा होती है तब भी अगले 5-6 माह का समय अगले GSTA चुनाव में लग जाएगा।फिर वो जल्द समय कब आएगा, जब आमसभा बुलाई जाएगी।*
*नोट:-मैंने जो बातें अपने खुले पत्र में लिखी वो सब आपने स्वीकार कर ली तो मैंने कौन सा झूठ बोल दिया *?
*साथ ही आपने लिखा कि मैं GSTA चुनाव नहीं चाहता। महासचिव जी GSTA मेरी या आपकी बपोति नहीं।जिसमें किसी कि व्यक्तिगत इच्छा मायने रखती है।*
*40 हज़ार शिक्षकों की प्रतिनिधि संस्था है।*
*शिक्षकों की एकता एवम् नये जूझारू शिक्षकों के GSTA में आने के लिए समय पर चुनाव ज़रूरी है। यदि आप समय पर चुनाव करवा देते तो मुझे ये पत्र लिखने की नौबत ही ना आती।*
*और रही बात GSTA चुनाव के लिए पत्र लिखने की इसके लिए सभी पैनल मिल कर एक साथ उपमुख्यमंत्री एवम् निदेशक से कई बार मिल चुके है पर जब उनको उनके इशारों पर नाचने वाली GSTA मिल गई है तो वो चुनाव क्यों करवाएँगे ?*
*Action speaks louder than words *
*प्रदीप डागर* (अध्यक्ष)
*शिक्षक न्याय मंच*
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