आप सभी से वादा किया था कि हम इस आदेश में संशोधन करवा कर ही दम लेंगे या जरुर करवाएंगे... साथियों वो आज हो गया है - GSTA
साथियों,
*नमस्कार*🙏
*दोस्तो पिछले चार दिन पहले ही हमने (जीएसटीए) आप सभी से वादा किया था कि हम इस आदेश में संशोधन करवा कर ही दम लेंगे या जरुर करवाएंगे....साथियों वो आज हो गया है*।
*जिस दिन से ये गलत आदेश आया था उसी समय से आपके अपने जीएसटीए के प्रतिनिधि प्रधान सी पी सिंह जी की अध्यक्षता में निरंतर शिक्षा विभाग निदेशक मैडम से मीटिंग करते रहे*।
*मैडम ने भी हमारी इस बात को सही से समझा और काफी लम्बी मैराथन चली बैठक के बाद जीएसटीए प्रतिनिधि मंडल (जिसमें अध्यक्ष सीपी सिंह जी के साथ प्रशांत प्रियदर्शी जी व यशपाल मलिक जी)को मैडम ने उसी दिन कह दिया था कि इसमें आज ही संशोधन करवा दिया जाएगा तथा इसकी जिम्मेदारी उसी समय अपने अधिकारियों को दे दी थी लेकिन अधिकारी व्यस्त होने के कारण नैट पर इसके आदेश नहीं डाल सके तो हमने भी चैन की सांस नहीं ली तथा मैडम से इस बारे में लगातार मीटिंग करते रहे जिस अथक परिश्रम का परिणाम आज आपके सामने है*।
*जो कहा*....
*वो किया*।।
*जो भी वादा किया*
*उसे समय रहते पूरी ताकत से निभाया या पूरा करवाया*।।
*साथियो याद रखना वर्तमान जीएसटीए को जब से आप सभी साथियों ने चुना है तभी से आप सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की बहुत चिंता की है ओर आपके हक-अधिकारों की रक्षा के लिए जी-जान लगाकर संघर्ष किया हैं और इसी त्याग व समर्पित भाव से आगे भी करते रहेंगे*।
*हम समझते हैं कि हर छोटी-बड़ी बात पर आपको परेशान करना बिल्कुल भी उचित नही है ओर इससे हमारे मूल कार्य बच्चों की सेवा या बच्चों को शिक्षा-दिक्षा देने में भी दिक्कत आती है आपने तो अपना काम हमें प्रचंड बहुमत से जीताकर ही कर दिया था उसके बाद तो हमारी अथक मेहनत से, बुद्धिमता से, टेबल टाक करके अपनी बात को मनवाकर आपके वोट के कर्ज को उतारना ही हमारा सही धर्म, कर्म बनता है*।
*साथियो कुछ हमारे ही राजनीति से प्रेरित व अति-महत्वाक्षीं शिक्षक साथी बहुत जल्दी में कुछ भी हमें ओर आपको कुछ भी अनाप-शनाप कहकर बरगलाने का प्रयास समय-समय पर करते रहते हैं*.....
.… *ऐसे साथियों से सचेत, सजग व सावधान रहा जाए*।
*आप सबका ह्रदय से आभार, अभिन्नदन व धन्यवाद*।
विनीत/आपका
कृष्ण कुमार फोगाट
(शा.शिक्षा शिक्षक)
*जीएसटीए*- *सदस्य*
*जय शिक्षक*. *जय भारत*
*दोस्तो पिछले चार दिन पहले ही हमने (जीएसटीए) आप सभी से वादा किया था कि हम इस आदेश में संशोधन करवा कर ही दम लेंगे या जरुर करवाएंगे....साथियों वो आज हो गया है*।
*जिस दिन से ये गलत आदेश आया था उसी समय से आपके अपने जीएसटीए के प्रतिनिधि प्रधान सी पी सिंह जी की अध्यक्षता में निरंतर शिक्षा विभाग निदेशक मैडम से मीटिंग करते रहे*।
*मैडम ने भी हमारी इस बात को सही से समझा और काफी लम्बी मैराथन चली बैठक के बाद जीएसटीए प्रतिनिधि मंडल (जिसमें अध्यक्ष सीपी सिंह जी के साथ प्रशांत प्रियदर्शी जी व यशपाल मलिक जी)को मैडम ने उसी दिन कह दिया था कि इसमें आज ही संशोधन करवा दिया जाएगा तथा इसकी जिम्मेदारी उसी समय अपने अधिकारियों को दे दी थी लेकिन अधिकारी व्यस्त होने के कारण नैट पर इसके आदेश नहीं डाल सके तो हमने भी चैन की सांस नहीं ली तथा मैडम से इस बारे में लगातार मीटिंग करते रहे जिस अथक परिश्रम का परिणाम आज आपके सामने है*।
*जो कहा*....
*वो किया*।।
*जो भी वादा किया*
*उसे समय रहते पूरी ताकत से निभाया या पूरा करवाया*।।
*साथियो याद रखना वर्तमान जीएसटीए को जब से आप सभी साथियों ने चुना है तभी से आप सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की बहुत चिंता की है ओर आपके हक-अधिकारों की रक्षा के लिए जी-जान लगाकर संघर्ष किया हैं और इसी त्याग व समर्पित भाव से आगे भी करते रहेंगे*।
*हम समझते हैं कि हर छोटी-बड़ी बात पर आपको परेशान करना बिल्कुल भी उचित नही है ओर इससे हमारे मूल कार्य बच्चों की सेवा या बच्चों को शिक्षा-दिक्षा देने में भी दिक्कत आती है आपने तो अपना काम हमें प्रचंड बहुमत से जीताकर ही कर दिया था उसके बाद तो हमारी अथक मेहनत से, बुद्धिमता से, टेबल टाक करके अपनी बात को मनवाकर आपके वोट के कर्ज को उतारना ही हमारा सही धर्म, कर्म बनता है*।
*साथियो कुछ हमारे ही राजनीति से प्रेरित व अति-महत्वाक्षीं शिक्षक साथी बहुत जल्दी में कुछ भी हमें ओर आपको कुछ भी अनाप-शनाप कहकर बरगलाने का प्रयास समय-समय पर करते रहते हैं*.....
.… *ऐसे साथियों से सचेत, सजग व सावधान रहा जाए*।
*आप सबका ह्रदय से आभार, अभिन्नदन व धन्यवाद*।
विनीत/आपका
कृष्ण कुमार फोगाट
(शा.शिक्षा शिक्षक)
*जीएसटीए*- *सदस्य*
*जय शिक्षक*. *जय भारत*
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