*शैक्षिक आपातकाल की घोषणा*
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विद्वान साथियों,
*अभी तक आपने भारत देश में केवल तीन प्रकार के आपातकाल को पढ़ा और पढ़ाया था।लेकिन शिक्षा निदेशालय,दिल्ली सरकार द्वारा नवीनतम खोज चोथे प्रकार के “शैक्षिक आपातकाल” की घोषणा कर दी है जोकि केवल शिक्षकों पर लागू होगी।*
(1) शिक्षक 28 फ़रवरी 2018 तक कोई अवकाश नहीं ले सकता।
(2) ख़राब परीक्षा परिणाम के लिए केवल शिक्षक ज़िम्मेदार।जबकि आपको याद होगा CBSE के अच्छें परिणाम पर “सबको बधाई” के सन्देश।
(3) छात्रों द्वारा पुस्तक-कापी ना लाने पर शिक्षक ज़िम्मेदार।
*शिक्षक न्याय मंच* (रजि) के कुछ *यक्ष प्रश्न* आप सबके लिए:-
(1) पाठयक्रम निर्माण, शैक्षिक नीति निर्माण में शिक्षक की कोई भूमिका नहीं तो फिर अच्छी शिक्षा केसे ?
(2) अनपढ़ SMC सदस्य , IAS, DANICS जिनका कोई शिक्षण अनुभव एवम् योग्यता नहीं वो शिक्षकों का मूल्याँकन किस जादू से करते है ?
(3) बच्चों को डाँटना तक नहीं और बच्चे शिक्षकों के साथ मारपीट-हत्या तक हो जाने पर कोई आदेश नहीं ? फिर भी 100% परिणाम चाहिये ?
*जिस देश में शिक्षकों का अपमान सामान्य घटना हो उसका पतन निश्चित है आचार्य चाणक्य ने कहा है* :-
*शिक्षक कभी सामान्य नहीं होता,निर्माण और प्रलय इसकी गोदी में पलते है*
यदि हम सब अभी भी नहीं जागे केवल निजी कार्यों निजी स्वार्थ में घरों में बठे रहे तो देश का भविष्य ख़तरे में होगा, क्योंकि डॉक्टर, इंजीनियर, नेता के निष्क्रिय होने से नुक़सान सीमित होता है शिक्षक के निष्क्रिय होने पर आने वाली पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाती है।
*एकता में बल है और ये दिखाना पड़ता है*
*देश प्रथम शिक्षा प्रथम शिक्षक प्रथम*
निवेदक:-
*प्रदीप डागर*
*अध्यक्ष*
*शिक्षक न्याय मंच* (रजि)
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