GSTA इतिहास का काला दिन - अपनी विफलता को स्वीकार करते हुए चुनाव से पहले ही आज़ाद ग्रूप ने की हार स्वीकार - SNM
🔴 *सावधान* *ATTENTION*🔴
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*GSTA इतिहास का काला दिन*
*शिक्षक साथियों*
*शिक्षक न्याय मंच कुछ तथ्य आपके साथ साझा कर रहा है कृपया समय निकाल कर पढ़े एवम् विचार अवश्य करें*
(1) *GSTA का कार्यकाल (3 वर्ष ) 25 जुलाई 2017 को पूरा हो चूका है इस विषय में हमने तुरंत चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का पत्र लिखा था*
(2) *GSTA महासचिव ने 31 July को GSTA कार्यकाल पूर्ण होने एवम् चुनाव के लिए RO नियुक्ति का पत्र निदेशक महोदया को लिखा*
(3) *आज अचानक एक पत्र GSTA अध्यक्ष की ओर से आता है जिसमें कार्यकाल 5 वर्ष का बताते हुए महासचिव को GSTA से निकाल देते है*
(4) *साथियों आपको याद दिला दे ये वही लोकतांत्रिक मंच (आज़ाद ग्रूप) है जिसने GSTA 2014 में दीक्षित ग्रूप द्वारा 12 वर्ष में चुनाव करने का भारी विरोध किया था। एवम् अपने घोषणा पत्र में तीन वर्ष में चुनाव कराने का बात प्रमुखता से कही एवम् लिखी थी।*
(5) *अपनी विफलता को स्वीकार करते हुए चुनाव से पहले ही आज़ाद ग्रूप ने हार स्वीकार कर लोकतन्त्र की हत्या करने का प्लान बनाया है परन्तु शिक्षक समाज इनके ग़लत इरादों को सफल नहीं होने देगा*
*अपील*
*शिक्षक साथियों कोई भी सरकार या विभाग नहीं चाहता कि कोई विपक्षी दल या कोई कर्मचारी संगठन मज़बूत हो क्योंकि इनके द्वारा ही विभाग की मनमानी रूकती है आज़ाद ग्रूप अपने निजी स्वार्थ के कारण शिक्षक एकता की बलि चढ़ा रहा है आपसे अपील है कि इस बारे में अपना विरोध प्रखर रूप से दर्ज करवाएँ। हो सकता है कि आज आपको GSTA का आवश्यकता ना हो।*
पर क्या कभी स्वर्गीय शिक्षक भाई मुकेश कुमार सोचा होगा उसके साथ ऐसा कुछ होगा ?
*संगठन में शक्ति होती है*
*उसूलों पर आँच आए तो टकराना ज़रूरी है*
*अगर ज़िन्दा हो तो ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है*
निवेदक :-
*प्रदीप डागर*
*अध्यक्ष*
एवम् समस्त कार्यकारिणी
*शिक्षक न्याय मंच*
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