वर्तमान GSTA की तर्ज पर एक अनुभवहीन शिक्षक संगठन, शिक्षक न्याय मंच पत्रों को सोशल मीडिया मे प्रचारित करने मे अत्यधिक रूचि - SFTC का आरोप
*सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज(रजि.)
*दिल्ली प्रदेश*
सम्मानित शिक्षक साथियों
सादर प्रणाम।
आजकल सोशल मीडिया मे सुर्खियां बटोरने का प्रचलन काफी तेजी से बढ रहा है। दिल्ली मे कई शिक्षक संगठन भी सुर्खियों मे रहने को तत्पर रहते हैं।
वर्तमान GSTA की तर्ज पर एक अनुभवहीन शिक्षक संगठन, शिक्षक न्याय मंच पत्रों को सोशल मीडिया मे प्रचारित करने मे अत्यधिक रूचि दिखा रहा है।
साथियों यह संगठन शिक्षा विभाग से ऐसे-ऐसे प्रश्न पूछ रहा है, जिनका विभाग से कोई सम्बंध नहीं है। आपको बता दें कि शिक्षकों की पवित्र संस्था GSTA रजिस्टर्ड संस्था है। जिसके संविधान के दस्तावेज रजिस्ट्रार ऑफिस मे हैँ।लेकिन शिक्षक न्याय मंच जानकारी के अभाव मे शिक्षा विभाग से जानकारी माँग रहा है।इसी प्रकार यह मंच शिक्षा विभाग से शिक्षकों की,उप-प्रधानाचार्यो की और प्रधानाचार्यो की संख्या के बारे मे जानकारी माँग रहा है। जो कि पहले से ही पब्लिक डोमेन मे है। शिक्षा विभाग और दिल्ली सरकार कोर्ट मे विभिन्न पदों की संख्या के बारे मे एफिडेविट दाखिल कर चुके हैं।
साथियों, अभी इस संगठन को शिक्षा विभाग के कार्य कलापो, नियम कायदो और संसकृति का अधूरा ज्ञान है।औऱ आधा ज्ञान हमेशा खतरनाक होता है।
सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज (SFTC) , शिक्षक समाज को सचेत करना चाहती है कि सस्ती लोकप्रियता पाने की लालसा मे इस तरह के शिक्षक संगठन भ्रमित करने का प्रयास करते रहेंगे। लेकिन आपको तत्काल ईन GSTA *(SFTC)* के अभूतपूर्व अनुभव, योगदान और संसकृति को याद रखना है।
*सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज (SFTC)* शिक्षक हित मे वर्तमान GSTA से माँग करती है कि निश्चित समयावधि मे चुनाव कराने की घोषणा करे, जिससे कि शिक्षक समाज के नये भविष्य का निर्माण हो सके।
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