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गेस्ट टीचर्स अब समय नहीं बचा है कि हम इस विचार में बैठे रहें कि केवल योजनाएं ही बनाते रहें - अब वह समय आ गया है कि योजनाओं को अमल में भी लाया जाए।

 गेस्ट टीचर्स अब समय नहीं बचा है कि हम इस विचार में बैठे रहें कि केवल योजनाएं ही बनाते रहें - अब वह समय आ गया है कि योजनाओं को अमल में भी लाया जाए।

सभी गेस्ट टीचर्स साथियों को नमस्कार। 

साथियो, आज ये पोस्ट हर एक गेस्ट साथी को पढ़ना जरूरी है, क्योंकि इस पोस्ट में आपको वह प्रत्येक सूचना मिलेगी, जो गेस्ट टीचर के रूप में आपके भविष्य को तय करेगी। आज स्थिति यह बन चुकी है, कि अब इतना समय नहीं बचा है कि हम इस विचार में बैठे रहें कि केवल योजनाएं ही बनाते रहें, आगे क्या करना है इसकी प्लानिंग बनाते रहें और उसे अमल में न लाएं। अब वह समय आ गया है कि योजनाओं को अमल में भी लाया जाए।

साथियो, हाल ही में जब भर्तियों पर रोक लगाई गई तो सभी साथियों में खुशी की लहर दौड़ गई कि अब दिल्ली सरकार हमारे लिए कुछ न कुछ नई योजना बनाएगी। जिसमें हमें राहत मिलेगी। हमारे स्थाईकरण के लिए कुछ न कुछ ऐसी योजना बनाई जाएगी। जिससे गेस्ट टीचर का भविष्य सुरक्षित हो सके। 

लेकिन साथियो, गुप्त सूत्रों से यह पक्की खबर है कि दिल्ली सरकार ने गेस्ट टीचर्स के लिए किसी भी पॉलिसी पर विचार करने से मना कर दिया है। दिल्ली सरकार ने साफ़ कर दिया है कि गेस्ट टीचर्स के लिए 3 साल, 5 साल या फिर 58/60 किसी भी तरह की पॉलिसी बनाने से इनकार कर दिया है।

यह पता लगा है कि दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर्स को आने वाली 8500 भर्तियों में केवल उम्र सीमा में छूट और अधिकतम 5 से 9 नम्बर देकर गेस्ट टीचर्स को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही है। नॉन सीटेट साथियों को किसी भी तरह की राहत देने से साफ इंकार कर दिया गया है।
इसके साथ हो यह रोकी गई भर्ती को अगले 15 दिनों में फिर से शुरू कर दिया जाएगा। 
गेस्ट टीचर्स को क्या फायदा ?

जैसा कि आप जान ही गए हैं कि दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर्स के लिए किसी भी तरह की पॉलिसी बनाने पर विचार नहीं कर रही है। 

साथिओ, अब आपको क्या लगता है, क्या इन 8500 जगहों में क्या सभी 17,000 गेस्ट टीचर्स को मौका मिल पायेगा। चलो मान लेते हैं कि 8500 लोगों को फायदा मिल जाएगा, लेकिन बाकी लोग कहाँ जाएंगे। उम्र में छूट और वेटेज मार्क्स भी केवल एक ही भर्ती में ही दिया जाएगा। यानि गेस्ट टीचर्स के लिए यह पहली और अंतिम भर्ती होगी।

इसमें उम्र में छूट और वेटेज के बाद भी TGT, PGT गेस्ट टीचर्स के लिए कोई फायदा मिलने वाला नहीं है, क्योंकि इनकी भर्तियां इतनी कम हैं जिनमें कम्पटीशन कर पाना बहुत कठिन हो जाएगा। 

जो वेटेज के लिए नम्बर दिए जाएंगे, वो भी क़वालीफाइंग्स मार्क्स के ऊपर ही दिए जाएंगे, यानि क़वालीफ़ाइंग मार्क्स लाना जरूरी है। अब आप देख सकते हैं। वेटेज वाली स्थिति में आप कहाँ ठहरते हैं और कितने गेस्ट टीचर्स को इसका लाभ मिल पाएगा। 

आप ये समझ लीजिए TGT इंग्लिश में लगभग 650 जगह हैं और गेस्ट टीचर्स TGT इंग्लिश में लगभग 2500-3000 हैं।  650 के अलावा बचे गेस्ट टीचर क्या करंगे। जॉब से हटने के बाद इनका क्या होगा?

अब करना क्या है ?

साथियो अब सोचने को कुछ नहीं बचा है। अब बस जो कुछ भी है, करने को ही है। अब सोचना आपको है करना क्या है? लड़ना है या फिर खोना है। केवल बैठे रहोगे, सोचते रहोगे और और यह विचार रखोगे कि जो सबका होगा वह हमारा होगा, तो यह बात लिख कर रख लो कुछ होने वाला नहीं है। जल्द ही घर लौटने की तैयारी कर लीजिए। 

साथियो, बात सीधी सी है, अब आर या पार का समय आ गया है। एक साथ लड़ोगे, मिल कर लड़ोगे, पूरे साहस, तैयारी और मजबूती के साथ लड़ोगे तो जीत जरूर मिलेगी, जॉब सुरक्षित रहेगी। यदि बिखर गए, किसी के बहकावे में आ गए तो यह तय है न तो परमानेंट की कोई पॉलिसी ही मिलेगी और रही सही गेस्ट की भी पोलिसी से भी हाथ धो बैठोगे।

सभी  "GROUPS"  एक साथ आएं।

साथियो, अब इतना समय नहीं है कि एक दूसरे की गलती निकाली जाए। नुक्ताचीनी में समय गंवाया जाए। अब समय सभी Associations को एक साथ मिलकर काम करने का है। सभी गिले शिकबे भुलाकर एक साथ चलना है। सभी से हाथ जोड़कर विनती है राजनीति को छोड़कर एक मंच पर आकर सभी  groups ""ALL INDIA GUEST TEACHERS ASSOCIATION""  के साथ आयें। केवल 58साल की policy के नाम पर, गेस्ट टीचर के नाम पर रोजगार बचाने के नाम पर 17000 को साथ लेकर आवाज उठाई जाए। जीत निश्चित होगी।

नई भर्ती में बैठने वाले प्रतिभागी के लिए।

DSSSB द्वारा निकाले जाने वाली आगामी भर्ती के लिए तैयारी करने वाले नए प्रतिभागी जो गेस्ट टीचर्स को अपना विरोधी समझते हैं। वह यह समझते हैं कि गेस्ट टीचर्स की वजह से नए लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है, उनका हक मारा जा रहा है। 
हम ऐसे भाई बहनों से कहना चाहते हैं कि हम किसी का हक नहीं मार रहे हैं , न ही हम यह चाहते हैं कि  नए लोगों को मौका न मिले, उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका न मिले। बल्कि हम तो यह चाहते हैं कि नए लोगों को भी मौका मिले, नई भर्तियों में अभी को समान अवसर मिले। इसके साथ ही हम यह भी नहीं चाहते कि किसी भी भर्ती पर रोक लगे। लेकिन हम यह चाहते हैं कि हमारे हकों को भी न मारा जाए। हमारे हितों का भी ध्यान रखा जाए। हमने इतने साल जो इन विद्यालयों में अपना अमूल्य समय दिया है, वह व्यर्थ न जाये। हम तो चाहते हैं कि एक तरफ नई भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो उसमें नए लोगों को भी समान रूप से अवसर मिले। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर्स के स्थाईकरण के लिए एक उचित पॉलिसी बनाये जिससे गेस्ट टीचर्स का भविष्य बर्बाद नहीं हो। 

GSTA, DASTAN एवं अन्य रेगुलर टीचर्स यूनियन के लिए

हम रेगुलर टीचर्स के लिए काम करने वाले सभी संगठनों से आह्वान करते हैं कि आप सभी संगठन हमारी मांगों में हमारा सहयोग करें। गेस्ट टीचर्स ने विद्यालयों में सदैव पूरा सहयोग दिया है। प्रत्येक कार्य में सभी संगठनों  को गेस्ट टीचर्स ने हरसंभव सहयोग दिया है। GSTA एवम अन्य संगठनों ने भी कई मंचों पर गेस्ट टीचर्स के स्थाईकरण के लिए मांग उठाई है। हमें आशा है कि सभी संगठन हमारी इन लड़ाई में हमारा सहयोग करेंगे।

निवेदक:- *प्रवीन तोबड़िया* (अध्यक्ष)
                भाई मनीष गौड़
                भाई शोएब राणा
                 भाई अरुण डेढा (गुर्जर)
ALL INDIA GUEST TEACHERS ASSOCIATION
धन्यवाद।




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