*सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज(रजि.)*
*दिल्ली प्रदेश*
सम्मानित शिक्षक साथियो
सादर नमन।
आज 26 जुलाई,2017 को भारत मे सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की सबसे बडी संस्था GSTA दिल्ली के चुनाव को तीन वर्ष हो चुके हैं लेकिन दिल्ली के शिक्षकों को वर्तमान GSTA ने शिक्षक हित में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिया है।हाँ वर्तमान GSTA ने चिट्ठियाँ बहुत लिखी हैं और उन चिट्ठियों को लिखने मात्र को ही वर्तमान GSTA अपनी उपलब्धि मान रही है।बीते वर्षों मे वर्तमान GSTA ने अपनी अनुभवहीनता औऱ अदूरदर्शिता से शिक्षक समाज की गरिमा को जो आघात पहुँचाया है उसकी भरपाई करना बेहद मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। विगत तीन वर्षों में वर्तमान GSTA के कारनामों से शिक्षकों को जो आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान हुआ है,उसकी बडी लंबी फेहरिस्त है।उनमें से कुछ अधोलिखित है-
*1-*वर्तमान GSTA ने हाई कोर्ट में दाखिल *18460* के केस की पैरवी नहीं की।
*जिसकी पैरवी तत्कालीन GSTA *(SFTC)* ने सन् 2011 से सन् 2014 तक CAT में बेहद शिद्दत के साथ की। CAT में सफलता न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।चूँकि केस GSTA के नाम से लडा जा रहा था इसलिए तत्कालीन GSTA*(SFTC)* ने केस की फाइल वर्तमान GSTA के सुपुर्द कर दी।अहंकार में डूबी वर्तमान GSTA ने केस की पैरवी करना अपनी बेइज्जती समझा और निश्चित समय के बाद केस समाप्त हो गया।
यदि वर्तमान GSTA ने नेक नीयत के साथ केस की पैरवी की होती, तो आज दिल्ली के head clerks की तर्ज पर शिक्षक भी 18460 ले रहे होते।
*2-* तत्कालीन GSTA(SFTC) द्वारा शुरू की गई DGEHS सुविधा में भी वर्तमान GSTA ने कोई नया संशोधन नहीं कराया है। बल्कि शिक्षकों को N.A. कराने के लिए आज भी डिस्पेंसरी जाना पड़ता है।
*वर्तमान GSTA द्वारा 7th CPC में शिक्षक हितों का प्रतिनिधित्व न कर केवल उसके गेट पर फोटो सैशन कराकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर लेना सम्पूर्ण शिक्षक समाज के लिए हैरानी भरा विषय है।वर्तमान GSTA के इस कदम से शिक्षकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।*
*3-* वर्तमान GSTA द्वारा 7th CPC मे प्रतिनिधित्व न करने के कारण शिक्षकों की 8 C.L. की संख्या 12 नहीं हो पायी है।
*4-* 7th CPC द्वारा कर्मचारियों के लिए E.L. का प्रावधान किया गया है लेकिन आज तक MHRD से notification भी नहीं करा पायी है वर्तमान GSTA।आज भी शिक्षकों को 10 E.L.के बजाय 20 days HPL ही मिल रही हैं।
*5-* विद्यालयों का बढ़ा हुआ 30 मिनट का समय भी यथावत है।
*6-* वेतन विसंगति 17140 का general order तक नहीं करा पायी है वर्तमान GSTA।
*7-* वर्तमानGSTA शिक्षकों को पदोउन्नति कराने में भी नाकाम सिद्ध हुई है।जिसका दंश दिल्ली के योग्य शिक्षकों को झेलना पड़ रहा है।
शिक्षक हित में तत्कालीन GSTA(SFTC) ने हमेशा नेक नीयत से कार्य किया है और आज भी CAT में 17140 का केस लड़ रही है जिसकी सुनवाई 28 जुलाई को होनी है।
समस्त शिक्षक समाज की माँग है कि वर्तमान GSTA अपने चुनावी घोषणा पत्र का अध्ययन करे औऱ समय पर चुनाव कराये जाने के वायदे को तो पूरा करे।
*जयशिक्षक* 🇮🇳 *जय दिल्ली*
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