GSTA पूर्णतया पथहीन हो गयी है, ऐसे में मुख्य विपक्षी होने के नाते ये हमारा कर्तव्य की आगे आएं "शिक्षक न्याय मंच " शिक्षक हित की बात करता हैं, और करेंगा
वाह क्या बात है..........
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वाह क्या बात है..........
GSTA द्वारा दो दिन से प्रसारित पोस्ट को पढ़कर एक बात याद आयी कि
(1) मास्टर आजाद के इशारों पर चलने वाली GSTA
(2) MCD चुनाव से पहले मनोज तिवारी का स्वागत करने वाली GSTA
(3) वेतन विसंगति दूर कराने में नाकाम GSTA
(4) गुप्त कमरे में समझौता करने वाली GSTA
(5) धरने को बिना अंजाम तक पहुचाये गुप्त समझौते या डर के कारण धरना समाप्त करने वाली GSTA
(6) हर मोर्चे पर असफल GSTA
(7) GSTA जेसी विशाल प्रतिनिधि संस्था को मुख्यमन्त्री/शिक्षा मन्त्री / निदेशक मिलने तक का समय नहीं दे रहा। ख़ुद सोचो कितनी ताक़त है आपमें ??
ये कह रही है, दाद देनी पड़ेगी इनके नाकाम हौसले की....
बन्धु जब GSTA कुछ नही कर पा रही पूर्णतया पथहीन हो गयी है,ऐसे में किसी को आगे आना पड़ेगा,और मुख्य विपक्षी होने के नाते ये हमारा कर्तव्य भी है...
.हम आप जैसे निहित स्वार्थ भरे समझौते नही करते,
"शिक्षक न्याय मंच " शिक्षक हित की बात करता हैं,और करेंगा,
हमे नकारा एवम् कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी असंविधानिक क़ाबिज़ GSTA से मुख्यमंत्री या किसी अधिकारी से मिलने से पहले अनुमति लेने की आवश्यकता नही है।
और इसके बाद भी आपको लगता है कि आपने अपने कार्यकाल में महानतम कार्य किये है तो लोकतन्त्र का सम्मान करते हुए GSTA के समाप्त हो चुके कार्यकाल अनुसार GSTA चुनाव करवाएँ । शिक्षक समाज GSTA के भविष्य का निर्णय स्वयं करेगा
जय शिक्षक, जय भारत
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