शुक्रवार वाले एक घंटे के आदेश को विभाग द्वारा वापस लेने में ताकतवर व ऊर्जावान GSTA का अथक प्रयास - GSTA सदस्य द्वारा स्पस्टीकरण
साथियो नमस्कार....
सभी दोस्तों को शुक्रवार वाले एक घंटे के आदेश को विभाग (निदेशक मैडम) द्वारा आपकी अपनी बहुत ही ताकतवर व ऊर्जावान GSTA के अथक प्रयासों के कारण वापिस लेने पर दिल्ली शिक्षक समाज को बहुत-बहुत बधाई...
दोस्तो आप सबको अच्छे से ज्ञात होगा जब हम (GSTA) 29 तारिख को प्रधान जी के नेतृत्व में पूरा दिन डायरक्टरेट में बाहर ही चिलचिलाती धूप ओर गर्मी मे वहीं बैठे रहे थे ओर सायंकाल में डायरेक्टर मैडम से इस बारे में काफी देर तक चली मैराथन बैठक के बाद उनसे कुछ आश्वासन मिला ओर उसके बाद भी जब ये विभागीय आदेश वापिस नही हुआ था तब तक प्रधान जी ने हमारे कहने पर मैडम से लगातार सकारात्मक बातचीत जारी रखी ओर मैडम से commitment करवाया ओर वो ही बात हमने काफी सेमिनारों में जा-जाकर भी बताई थी तथा ये पूरी बात शायद सेमिनारों में उपस्थित सभी भाई-बहनो को याद ही होगी ...ओर वहीं पर हमने ये 15-15 मिनट के लिए सभी साथियों से सुझाव भी लिए थे।
ये बातें आपसे इसलिए करनी पड़ रही हैं कि कल जैसे ही ये आदेश आया...कुछ सस्ती लोकप्रियता लेने वाले साथियों मे श्रेर्ये लेने की होड़ सी मच गई..
हम बहुत विनम्रता से उन साथियों से पूछ रहे हैं कि आप मन्त्री जी से क्यूँ ओर किस आधार पर मिले जबकि पिछले दो साल से आपकी शिक्षकों द्वारा चुनी हुई GSTA से नही मिल रहे हैं तो आपसे मन्त्री जी कैसे मिल लेते हैं...हमारी समझ से परे है,आप जैसे कुछ साथी ओर भी हैं...जो हर समय मन्त्री जी से मिलने का दावा करते रहते है आज उनको भी बहुत बेचैनी हो रही होगी...दोस्तों अब समस्या यही हो रही है कि आपने शिक्षक हित में काम करना है तो GSTA का साथ दो ओर सभी मिलकर संघर्ष किया करो...मिलते हो GSTA को भला-बुरा कहने या फिर अपने व्यक्तिगत कामो से ओर बाहर आकर बात करते हो शिक्षक हित के कामो की....यही तो गलत हो रहा है जिसके कारण हमें कोई भी काम करवाने मे बड़ी मेहनत, मसक्कत करनी पड़ती है ओर हर दिन कोई ना कोई हिटलरी या तानाशाही फरमान हमें परेशान करने को विभाग की तरफ से आ ही जाता है।
साथियो सोचो आपकी GSTA से मन्त्री महोदय क्यों नही मिलते आपको कारण अपने आप पता चल जाएगा।
जबकि हम कहतें हैं कि हम बिलकुल teachers welfare में काम कर रहे हैं या किया है हम किसी राजनीतिक पार्टी के नही हैं लेकिन ये कुछ साथी मन्त्री जी को कहते हैं कि ये एक पार्टी विशेष से सम्बन्धित हैं।
लेकिन हमने जब भी कहा है यही कहा है कि....
जो शिक्षक हित के काज करेगा।
वो दिल्ली पर राज करेगा।।
साथियों अब इन दोस्तों के लिए भगवान से प्रार्थना करो कि प्रभु इन्हें सद्बुद्धि दे तथा ये इस तरह कि छोटी-छोटी हरकतें करनी बन्द करें,जल्दबाजी में ना रहें ताकि शिक्षक हित में ओर भी अच्छे-अच्छे काम हो सकें।
सकारात्मक बनें...अगर सही में शिक्षक हित में काम करना है तो shortcut ना मारे, समाज के लिए सही दिशा में मेहनत करें अपने चुने हुए संगठन का साथ दें आलोचना करनी हो तो शिक्षक भाई-बहनों के सामने करें...मन्त्री जी से चुगलियाँ या अपने ही समर्पित, ईमानदार व निष्ठावान संगठन के विरुद्ध कान भरने का काम ना करें...समय-समय पर सुझाव दें।
हम आशा करते हैं कि आगे से हम सभी साथी संगठित रहेंगे ओर रहना भी चाहिए क्योंकि ये संगठन का युग है।
संगठन में बहुत शक्ति है
सभी दोस्तों से प्रार्थना है कि जाने-अनजाने मे मेरे से कोई गलती हो गई हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ।
आप सबका बहुत धन्यवाद
निवेदक
कृष्ण कुमार फोगाट
(शा.शिक्षा शिक्षक)
जीएसटीए - सदस्य
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