🌺🌻शिक्षा सत्र 2017-18🌻🌺
💐सबके लिए मङ्गलमय हो💐
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अब उठो शिक्षकों भोर हुई,
कुरुक्षेत्र में जाना ही होगा।
जो वचन दिया भारत माँ को,
करके ही दिखलाना होगा।
गांडीव उठा लो हाथों का,
वध करो अँधेरी रातों का।
तुम ज्ञान बाण सन्धान करों,
अज्ञान मिटाना ही होगा।
उस विश्व गुरु भारत फिर,
दुनिया में परचम लहरा दो।
शिक्षकों तरासों भारत को,
यह देश बचाना ही होगा।
संस्कृति डूबती जाती है ,
उन पश्चिम के आगोसों में।
प्रण करो आज हुंकार भरो
अब चीर बढ़ाना ही होगा।
शिशु कर्णधार इनको सम्हार,
इस रचना का शिक्षक कुम्हार।
नव सृजन हो सके अब मोहन,
वः गीत सुनाना ही होगा।
शिक्षकों चुनोती स्वीकारों,
भारत का भाग्य बदल डालो।
घर -घर में ज्ञान दीवाली हो,
हर दीप जलाना ही होगा।🙏🙏
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