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Home » » अध्यापकों की छठे वेतन आयोग की विसंगतियों और दूसरी न्यायोचित समस्याओं के निराकरण हेतु दिल्ली अध्यापक संघ द्वारा उपराज्यपाल को ज्ञापन।

अध्यापकों की छठे वेतन आयोग की विसंगतियों और दूसरी न्यायोचित समस्याओं के निराकरण हेतु दिल्ली अध्यापक संघ द्वारा उपराज्यपाल को ज्ञापन।

अध्यापकों की छठे वेतन आयोग की विसंगतियों और दूसरी न्यायोचित समस्याओं के निराकरण हेतु दिल्ली अध्यापक संघ द्वारा उपराज्यपाल को ज्ञापन।

      


   आज दिनांक 19/05/2017को दिल्ली अध्यापक परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के समस्त शिक्षकों के विभिन्न मांगों काढ़ा संदर्भ में उपराज्यपाल दिल्ली श्री अनिल बैजल जी से मिला। परिषद के अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल जी ने विस्तार से उप राज्यपाल महोदय के सम्मुख दिल्ली के शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को रखा।  जिसमें से सबसे प्रमुख समस्या जिससे कि दिल्ली नगर निगम के शिक्षक पीड़ित हैं उनकी वेतन-भत्तों और एरियर, सेवानिवृति पेंशन तथा विद्यालयों के विभिन्न प्रशासनिक व्ययों से संबंधित विभिन्न भुगतान वर्षों से लंबित  होना है। उपराज्यपाल महोदय को विस्तार से बताया गया कि उत्तरी दिल्ली एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के हज़ारों शिक्षक पिछले कुछ वर्षों से तीन- तीन महीने देरी से वेतन ले रहे है। उनके वेतन के अतिरिक्त सारे भुगतान वर्षों से लंबित है। इसके बावजूद वो विद्यालय सबंधी प्रशासनिक व्यय तक अपनी जेब से कर रहे है क्योंकि उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण उनके छात्रों के लिए है। दिल्ली अध्यापक परिषद् ने आक्रोशित एवं व्यथित शिक्षक समाज का पक्ष पिछले वर्ष माननीय दिल्ली हाई कोर्ट में भी रखा एवं कोर्ट के हस्तक्षेप से न केवल दिल्ली सरकार द्वारा वेतन हेतु धनराशि जारी की गई थी अपितु सभी संबद्ध पक्षों द्वारा जिसमे तीनों निगमों के आयुक्त भी थे द्वारा माननीय न्यायलय को एफिडेविट दे कर  भविष्य में भुगतान नियमित करने का भरोसा दिया गया था किन्तु आज फिर शिक्षक समाज एवं शिक्षा विभाग फिर वित्त एवं संसाधनों हेतु संघर्ष कर रहा है। इस अवसर पर परिषद् द्वारा निगम के चार हज़ार से अधिक शिक्षकों के हस्ताक्षर युक्त वेतन, एरियर, पेंशन एवं प्रशासनिक व्यय न प्राप्त होने का अपना प्रतिवेदन माननीय उपराज्यपाल को सौंप उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया। इसके अतिरिक्त छठें वेतन आयोग की अब तक जारी वेतन विसंगतियों जिनके कारण हज़ारो सीनियर शिक्षक अपने जूनियर शिक्षकों से कम वेतन ले रहे है के विषय में भी ध्यान आकर्षित किया गया। चतुर्थ वेतन आयोग की भांति प्राथमिक, टी. जी. टी. एवं पी. जी. टी  को 1.01.2006 को दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन के 1986 की भांति सीधे आदेश देने हेतु आग्रह किया गया। बारह आकस्मिक अवकाश पुनः बहाल किए जाने एवं UTGEIS की कटौती की राशि 60 रूपए किए जाने का भी अनुरोध किया गया जिससे सेवानिवृति के समय शिक्षकों को इसका पूर्ण लाभ मिल सके। earned एवं मेडिकल लीव कॉलेज प्राध्यापकों की भांति दोनों ही विद्यालय शिक्षकों को भी  दी जाएं। सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित भर्ती की जाए। सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के शिक्षकों की भांति 100 प्रतिशत अनुदान देने एवं सभी पदों की केन्द्रीयकृत भर्ती की प्रक्रिया अपनाए जाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।सहायता प्राप्त विद्यालयों में  एक्ट अनुसार मैनेजरों की नियुक्ति एजुकेशन कैडर से की जाए । सहायता प्राप्त विद्यालयों को सभी सुविधाएं  जैसे l एल. टी. सी.  एडवांस, सेमिनार, फाइल ट्रेकिंग सिस्टम और विद्यालय कल्याण समिति जैसी सुविधाएं भी दी जाएं। उपराज्यपाल महोदय ने बड़े विस्तार से सभी समस्याओं के तकनीकी, प्रशासनिक एवं मानवीय पहलुओं को सुना समझा एवं उन पर संभव विमर्श कर सार्थक एवं समयबद्ध  समाधान हेतु आश्वासन दिया।प्रतिनिधि मण्डल में दिल्ली अध्यापक परिषद के महामंत्री रतन लाल शर्मा ,संगठन मंत्री राजेंद्र गोयल, प्रचार मंत्री अजयसिंह के साथ राजकीय निकाय के अध्यक्ष वेदप्रकाश, मंत्री ज्ञानेंद्र सिंह मावी, निगम निकाय के अध्यक्ष सुभाष बघेल, मंत्री दीपक गोस्वामी, सहायता प्राप्त निकाय के अध्यक्ष नरेश चंद शर्मा भी उपस्थित थे।

दिल्ली अध्यापक परिषद्




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