सरकारी शिक्षकों को वोट की चोट करने से वंचित कर दिया गया- केवल वर्तमान GSTA को ही जिम्मेदार मानती , SFTC का आरोप।
*सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज*
*सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज*
*दिल्ली प्रदेश*
*-------------------------------*
सम्मानित शिक्षकों
सादर प्रणाम।
विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश भारत की राजधानी *दिल्ली* मे राष्ट्र निर्माता शिक्षकों को दि.न.नि.चुनाव-2017 मे वोट की चोट करने से वंचित कर दिया गया, जो खुलेआम लोकतंत्र की हत्या है। दिल्ली चुनाव आयोग दलील दे रहा है कि रिटर्निग आफिसर्स ने training centers पर बैलेट पेपर बाँटने की सुविधा मुहैया नहीं कराई, जिसका चुनाव आयोग को खेद है, कहकर अपना बचाव कर लिया।
*दिल्ली* के वाशिन्दो के मतदाता सूची मे नाम दर्ज करने से लेकर मतदाता पर्ची बाँटने तथा पोलिग बूथ पर वोट डलवाने की संपूर्ण जिम्मेदारी का निरवहन करने वाले दिल्ली के सरकारी शिक्षकों को वोट की चोट करने से वंचित कर दिया गया। इस गहरी साजिश के लिए *SFTC* केवल और केवल वर्तमान GSTA को ही जिम्मेदार मानती है।
आपको याद दिला दें कि दि.न.नि.चुनाव,2017 से पहले हुए सभी चुनावों मे शिक्षकों ने बैलेट से वोट डालकर लोकतंत्र की रक्षा कर अपना धर्म निभाया है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनवाने मे आपकी *तत्काल ईन GSTA(SFTC)* के प्रतिनिधियों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है,जिन्होंने कभी भी लोकतंत्र का गला नहीं घुटने दिया। वहीं दूसरी ओर हमारी वर्तमान GSTA ने लोकतांत्रिक अधिकार का हनन होने के बाद भी शिक्षक हित मे कोई कडा कदम नहीं उठाया है। दिल्ली का संपूर्ण शिक्षक समाज अपने आपको अपमानित महसूस कर रहा है।
*SFTC* दिल्ली के शिक्षकों को भरोसा दिलाती है कि भविष्य मे होने वाले चुनावों मे दिल्ली के सरकारी शिक्षकों को मताधिकार से वंचित नहीं होने देगी, चाहे इसके विरुद्ध कोर्ट का रास्ता ही कयो न अखतियार करना पडे।
महाकवि दुष्यन्त की प्रसिद्ध पंक्तियाँ वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे सटीक बैठती हैः,
*भूख है तो सब्र कर,रोटी नहीं तो कया हुआ,
आजकल दिल्ली मे है,जैर-ए-बहस ये मुद्दा।
गिडगिडाने का यहाँ कोई असर होता नहीं,
पेटभर गालियां दो,आह भरकर बददुआ।।*
*जय शिक्षक* 🇮🇳 *जय दिल्ली*
0 Comments:
Speak up your mind
Tell us what you're thinking... !