*सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज*
दिल्ली प्रदेश
सम्मानित शिक्षकों,
🙏🏻
आज देश/दिल्ली मे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सम्मान जनक रोजगार की दरकार है।अभी हाल ही मे अतिथि शिक्षकों द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध किया गया प्रदर्शन शिक्षक की गरिमा और मर्यादा को ठेस अवश्य पहुंचा रहा है।लेकिन अतिथि शिक्षकों का यह आक्रोशित प्रदर्शन उनकी अपने भविष्य के प्रति उद्विगनता भी दर्शाता है।
आपको याद दिला दें कि *SFTC*(Ex. GSTA) शिक्षक हित मे लगभग 46 वर्ष, 8 माह से अनवरत कार्यरत है। वर्तमान मे शिक्षक जितने उद्वेलित हो रहे हैं उतने पहले कभी नहीं हुए।यह चिन्तनीय प्रश्न है।
*SFTC* का मानना है कि सरकारें तो आती-जाती रहती हैं।उनके द्वारा किए गये समाज हित औऱ शिक्षक हित मे किए गए कार्य याद किए जाते हैं।
*SFTC*चाहती है कि राज्य सरकार DSSSB को शिक्षा निदेशालय मे पडे हजारों रिक्त पदों को अविलम्ब भरने का औऱ अभ्यर्थियों की आयु सीमा 40 वर्ष कर देश मे दिल्ली के सरकारी विद्यालयों की सकारात्मक नजीर पेश करे। तभी दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे मच रही अफरा-तफरी पर काबू पाया जा सकता है।
*SFTC* की माँग है कि Delhi Education Act के प्रावधान के तहत शिक्षा निदेशालय मे शिक्षकों के 75% पद पदोन्नति से भरे जाते हैं, शेष 25% पदों पर DSSSB द्वारा भर्ती की जाती है।अतः राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री जी शिक्षा निदेशालय को निर्देशित कर अविलम्ब पदोन्नति सूची जारी करने का आदेश दें, ताकि दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे कार्यरत शिक्षक पूरे जोशखरोश के साथ अध्ययन अध्यापन के पवित्र कार्य को एक मंदिर के पुजारी की भाँति कर पाये।
लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रजातानत्रिक पुजारियो को समर्पित महाकवि दुष्यन्तजी की पक्तियाँ,
*"तेरी जुबां है जम्हूरियत की तरह,
तू एक जलील सी गाली से बेहतरीन नहीं"*
*जय शिक्षक* 🇮🇳 *जय दिल्ली*
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