सोसायटी फॉर टीचर्स कॉज
दिल्ली प्रदेश
सम्मानित शिक्षकों
सादर🙏🏼
विश्व शिक्षक, अक्षर के उपासक, युग विचारक, परपीडा से पीडित, राष्ट्र पिता महात्मा गाँधीजी के शब्दों मे,
*" किसी भी देश औऱ समाज की उन्नति एवं अवनति , उस देश के प्रयोजन वादी विचार धारा पर आधारित, शिक्षा पर निर्भर करता है।*"
*SFTC* की विचार धारा है कि, विद्यालयों मे शिक्षकों की कमी के संकट से रिक्त पदों पर केवल परमानेन्ट नियुक्ति करके ही उबरा जा सकता है। दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे पठन-पाठन, अध्ययन-अध्यापन सुचारू रुप से तभी संभव है जब विद्यालयों मे पर्याप्त संख्या मे अध्यापक औऱ बाबू मौजूद हों।
*SFTC* शिक्षा निदेशक से विनम्र आग्रह करती है कि शिक्षकों की प्रोमोशन सूची PRT से TGT, TGT से PGT, PGT से VICE PRINCIPAL, VICE PRINCIPAL से PRINCIPAL औऱ PRINCIPAL से DEO तथा DEO से DDE(zone) शीघ्रता से जारी की जाये। और शिक्षा विभाग मे खाली पदों को सीधी भर्ती द्वारा भरा जाये। जैसे देश के अन्य प्रदेशों की सरकारों ने अभ्यर्थियों की आयु सीमा 40 वर्ष कर दी है, वैसे ही हमारी राज्य सरकार को भी नये अभ्यर्थियों की नियुक्ति की आयु सीमा भी 40 वर्ष कर खाली पदों को भरना चाहिए। जिससे दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे लगभग आधे से अधिक कार्यरत अतिथि शिक्षकों को भी मुख्य परीक्षा मे बैठने का अवसर मिल सके।
*SFTC* की विचारधारा है कि जब दिल्ली सरकार को सेवानिवृत शिक्षकों की दक्षता पर भरोसा है कि वे छात्रों को संसकारित शिक्षा प्रदान करने मे सक्षम हैं, तो शिक्षकों की सेवानिवृत्ति / re-employment की आयु सीमा भी 65 वर्ष कर देनी चाहिए। शिक्षकों की आयु सीमा के संदर्भ मे DOPT से सकारात्मक संसतुति मिल चुकी है। अब तो केवल दिल्ली सरकार को लागू करना शेष है।
अन्त मे, महाकवि दुष्यन्त की प्रेरणादायक पंक्तियों के साथ,
*"इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है
एक चिँगारी कही से ढूंढ लाओ दोस्तों
इस दिये मे तेल से भीगी हुई बाती जलती तो है।"*
*जय शिक्षक* 🇮🇳 *जय दिल्ली*
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