दिल्ली अतिथि अध्यापक संघ का अतिथि अध्यापकों के नाम पत्र।
सभी GTs साथियो को नमस्कार।
साथियो 17 नवम्बर, 2016 को सेंट्रल distt के देव नगर से GBSS स्कूल में 10 गेस्ट टीचर्स 15.10.2016 (Mega PTM) वाले दिन किये गए स्कूल बायकॉट का शिकार हुए। क्या अब वो व्यक्ति/एसोसिएशन व वो सभी GTs साथी इनके लिए कुछ करेंगे, जिन्होंने आवेश में आकर भ्रामक msg के माध्यम से उन परिस्थितियों को विकट बनाया था? यह सब कोई झूठ नही है। इस विषय पर आप सम्बंधित स्कूल से पता कर सकते हैं।
नही, अब कोई व्यक्ति/संघ इनके लिए आगे नही आएगा, न ही इनके लिये कोई लड़ेगा। कम से कम DASS टीम ने अब तक जो समझा है उससे तो DASS को यही लगता है।
इन साथियो को भी पता था/है कि DASS के सिवाय, इस समय कोई व्यक्ति/संघ इनके साथ नही खड़ा होगा। इसलिये इन्होंने 21 नवम्बर को रात 9:22 पर DASS सदस्यों से ही सम्पर्क किया। व जैसे ही DASS को इनके बारे में पता चला, DASS ने बिना देरी किये रात 9:40 बजे ही Dy CM House फ़ोन किया। व इन्हें अपनी बात रखने के लिए अगले दिन 22 नवम्बर को सुबह 9 बजे का Dy CM house में मिलने का समय दिलवाया। इसके साथ ही DASS ने अपने स्तर पर भी इनके पक्ष में व्यक्तिगत प्रयास किये। DASS टीम, ने इस विषय पर बातचीत करने के लिए बहुत ही कम समय में 23 नवम्बर को Advisor to CM और advisor to Dy CM से मिलने का समय लिया। क्योंकि DASS टीम का मानना था कि मोलरबंद स्कूल के ऊपर भी इस तरह की कार्यवाही होने से पहले बातचीत होनी जरूरी है। वरना इन 10 की तरह उन 70 को भी अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ेगा।
DASS टीम, ने एग्जाम व मेगा PTM के समय पर भी अपने गेस्ट टीचर्स साथियो से अपील की थी कि "किसी के भी बहकावे में न आए। व अपने कर्तव्यों में लगे रहे। अन्यथा नुकसान होने पर हमसे (DASS से) सम्पर्क न करे।" लेकिन अंत में ये साथी DASS के पास ही आये। क्यों? उस समय DASS सभी GTs को अपना विरोधी लग रहा था, और अब जब मुश्किल आन पड़ी तो हमे अपना मान कर DASS से ही सहायता मांग रहे हैं? अब वो लोग कहाँ गए जिनके कारण आज ये 10 GTs मुश्किल में आ पड़े व 70 पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं?
प्रॉब्लम इनके terminate होने तक सीमित नही है। इनके रिलीविंग लेटर पर इस शब्द के लिखे जाने से इन्हें भविष्य में दिल्ली के GTs को मिलने वाले सभी लाभो से हमेशा के लिए वंचित कर दिया गया है। बल्कि इन साथियो ने अब तक 2, 3 या 4 साल तक अपनी जो सेवाए दी हैं, इन्हें उन सेवाओं के आधार पर अनुभव का कोई भी लाभ दिल्ली ही नही अपितु किसी भी राज्य में नही मिलेगा। अब इनके वर्तमान के साथ-साथ इनके भविष्य को भी बिगाड़ कर रख देने की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या अब वो व्यक्ति/संघ इसके जिम्मेदारी भी उठाने को आगे आएँगे, जिन्होंने इन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया था?
साथियो समझ नही आता कि हम जोश में होश खोकर ऐसा क्यों कर लेते हैं? जिससे कि हम अपनी जॉब को भी खो देते हैं। व बाद में पुनः उसी जॉब को पाने के लिये केवल अपने स्तर पर ही प्रयास करने पड़ते हैं। उस समय वह लोग दूर-दूर तक दिखाई नही देते जो दुष्प्रचार करके ऐसी विकट परिस्थितियों को जन्म देते हैं। तथा दुष्प्रचार के माध्यम से गेस्ट टीचर्स में जोश भर उन्हें गलत रास्ते पर धकेल देते हैं। और जब गेस्ट टीचर साथी विकट परिस्थितियों में फंस जाते हैं तब यह लोग इन्हें अकेला छोड़कर भाग खड़े होते हैं। पहले भी यही हुआ है व वर्तमान में भी यही हुआ है। न तो पहले ऐसे साथियो के साथ कोई व्यक्ति/संघ खड़ा था, और न ही कोई अभी साथ है, सिवाय DASS, टीम के।
DASS टीम आज इन 10 साथियो व मोलरबंद के 70 साथियो को लेकर परेशान है। जबकि इन सभी ने DASS को उस समय अपना विरोधी बतलाया था। और जिनको ये अपना समझकर यह सब कर रहे थे। इनके वो अपने आराम से बैठे हैं। इस विषय को लेकर उनके माथे पर एक शिकन तक नही है। DASS टीम, को छोड़कर ऐसे समय में अन्य सभी व्यक्ति इस मुद्दे पर पहले अफ़सोस जताएंगे व उसके बाद अपने fb पेज और wtsap पर सहानुभूति वाले 2-4 msgs डालकर छोटी-मोटी राजनीति कर अपना पल्ला झाड़ लेंगे। इससे आगे कुछ भी करना इनके बस की बात नही है। आज DASS टीम फिर से ऐसे असमाजिक तत्वों एवं गेस्ट टीचर्स के दिखावटी हितेषियों से पुनः पूछती है-
"अ धरना करने वालो, मुँह क्यों छिपा रहे हो?
आज जरूरत है इन 10 को तुम्हारी, पीठ दिखाकर भाग रहे हो?"
https://m.facebook.com/DilliAtithiShikshakSangh/
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