अतिथि शिक्षको ने दिल्ली अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आवास के बाहर अपनी मांगों के लिए खाली थाली बजाकर किया सत्याग्रह।
आज दिल्ली सरकार के अधीन कार्यरत अतिथि शिक्षको ने दिल्ली अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आवास के बाहर अपनी मांगो को पूरा न किया जाने के विरोध में खाली थाली बजाकर सत्याग्रह किया। दिल्ली अतिथि शिक्षक संघ के प्रवक्ता का कहना है कि अतिथि शिक्षक अपनी मांगो को लेकर बार-बार सरकार के पास बातचीत के लिए आते रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार अपने वादों को पूरा करने में आवश्यकता से अधिक समय लगा रही है। इसके विरोध में गत 17 जुलाई को भी सिसोदिया आवास के बाहर एक दिन का शांतिपूर्ण सांकेतिक प्रदर्शन किया था। जिसमे दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि संजीव झा जी ने 24 जुलाई तक हमारी मांगों के ऊपर लिखित सर्कुलर निकलवाने का वादा दिया था। उसी मंच से दिल्ली अतिथि शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने सरकार के प्रतिनिधि को यह चेता दिया था कि यदि 24 जुलाई तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो हम सभी गेस्ट टीचर्स 31 जुलाई को भारी संख्या में सिसोदिया निवास आकर थाली चम्मच के साथ सत्याग्रह पर आने को मजबूर होंगें। प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया कि आपको पुनः आने की जरूरत नहीं रहेगी। लेकिन इस के बाबजूद गेस्ट टीचर्स का कोई लिखित सर्कुलर नहीं आया था। इस कारण हजारों की संख्या में गेस्ट टीचर्स सिसोदिया निवास पर सुबह से ही आकर जमा हो गए। गेस्ट टीचर्स ने यह प्रण कर लिया कि जब तक शिक्षा मंत्री आ नहीं जाते तब तक हम यहाँ से जाने वाले नहीं हैं। शिक्षकों का उत्साह देखकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जी शिक्षकों के बीच में आने को मजबूर हुए। उन्होंने शिक्षकों के बीच आकर कहा कि आपकी सभी मांगे जायज है। हमें इस बात का दुःख है कि आपको इस स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने गेस्ट टीचर्स की फिक्स सैलरी की मांग पर कहा कि इस विषय पर तकनीकी खामियां है। जिन्हें पूरा करने में हमें थोड़े समय की जरूरत है। मंत्री जी के जाने के बाद गेस्ट टीचर्स संतुष्ट नहीं हुए, उन्होंने कहा कि जब तक हमें कोई संतोष जनक जबाव नहीं मिल जाता, तब तक हम यहाँ से नहीं जाएंगे। इस पर सिसोदिया निवास में एक मीटिंग बुलाई गई। जिसमें शिक्षा संसदीय सचिव प्रवीण देशमुख और मनीष सिसोदिया जी ने सभी शिक्षा अधिकारियों से बातचीत की। मीटिंग के पश्चात प्रवीण देशमुख गेस्ट टीचर्स के बीच आये, और गेस्ट टीचर्स के सभी सवालों के जवाब दिए। फिक्स सैलरी के विषय पर उन्होंने गेस्ट टीचर्स को 2 महीने का समय दिया। इस के साथ ही उन्होंने गेस्ट टीचर्स के अन्य मुद्दों पर भी खुल कर बातचीत की। वहीँ दूसरी ओर गेस्ट टीचर्स ने सरकार को चेताया कि यदि दो महीने में हमारी फिक्स सैलरी की मांग पूरी नहीं होती है, तो हम शिक्षण असहयोग आंदोलन छेड़ेंगे। सभी गेस्ट टीचर्स स्कूल्स का बहिष्कार कर भूख हड़ताल पर जाने को विवश होंगे। इसके बाद दिल्ली अतिथि शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने सभी गेस्ट टीचर्स को संबोधित कर आगे की रणनीति से अवगत कराया, और आंदोलन को समाप्त कर दिया गया।
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