SOCIETY FOR TEACHERS' CAUSE(Reg )
DELHI STATE
---------------------+++------------------------
दिल्ली के सम्मानित शिक्षकों/शिक्षिकाओ,
सादर वंदन।
SFTC,दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे बढ रही NGOs की दखलंदाजी का कडे शब्दों मे विरोध करती है औऱ शिक्षक हित मे शिक्षकों के द्वारा चुनी हुई वर्तमान GSTA से मॉग करती है कि शिक्षकों के साथ हो रहे मानसिक व शैक्षिक शोषण के विरूद्ध वर्तमान GSTA, दिल्ली सरकार तथा शिक्षा निदेशालय मे आवाज मुखर कर शिक्षकों को तनाव रहित वातावरण मे अध्ययन-अधयापन का माहौल निर्मित करे।
भाईयों/बहनों, आपको याद होगा सन् 2004 मे जब दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे CCEP EXAM शुरू हुआ था तब CCEP के रिजल्ट को शिक्षकों के वार्षिक वृद्धि के साथ जोड़ दिया गया था।उस समय आपकी तत्काल ईन GSTA(SFTC) ने इसका कडा विरोध दर्ज कराया था औऱ जब लिखित विरोध के बावजूद तत्काल ईन शिक्षा निदेशक ने अपनी हठधर्मिता दिखाई तो आपकी तत्काल ईन GSTA (SFTC) ने पटियाला हाउस कोर्ट मे उक्त नीति के खिलाफ शिक्षक हित मे याचिका दायर की थी औऱ तत्काल ईन शिक्षा निदेशक को अदालत मे हलफनामा देना पडा था कि CCEP EXAM के रिजल्ट से शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा।औऱ तब से लेकर अब तक CCEP के रिजल्ट से कोई भी शिक्षक प्रभावित नहीं हुआ है।
भाईयों/बहनों, दिल्ली के सरकारी विद्यालयों मे NGOs की दखलंदाजी वर्तमान समय मे ही नहीं बढ रही है , वरन् तत्काल ईन GSTA {SFTC} के कार्यकाल मे भी NGOs ने अपने पैर फैलाने की जुर्रत की थी लेकिन आपकी तत्काल ईन GSTA ने NGOs के पैरों को फैलाने से पहले ही सिकोडने को अभिसप्त कर दिया था।आपको याद होगा सन् 2011 मे पूर्व दिल्ली के त्रिलोकपुरी-कल्याण पुरी क्षेत्र मे NGO (JOSH) के द्वारा NCPCR के chairperson के समक्ष शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों, प्रधानाचार्यो व शिक्षकों की भरी जनता मे लोक अदालत 20 अप्रैल,2011 को लगवाने की शुरुआत की थी। जैसे ही उक्त घटना की सूचना आपकी तत्काल ईन GSTA{SFTC} के संज्ञान मे आई,उसने तुरंत दिल्ली की तत्काल ईन मुख्य मंत्री शीला दीक्षित से संपर्क कर उक्त घटना के बारे मे अवगत करा अपना कडा विरोध दर्ज कर तत्काल प्रभाव से शिक्षक हित मे आदेश जारी कराये कि भविष्य मे दिल्ली के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की कहीं भी लोक-अदालत की आड मे उनके मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ न हो।औऱ तब से लेकर तत्काल ईन GSTA{SFTC} के कार्य काल तक NGOs की दखलंदाजी नहीं हुई।
ले कि न हमारी वर्तमान GSTA, शिक्षकों के मान-सम्मान के साथ NGOs के द्वारा की जा रही अपमानजनक हरकतों का विरोध तक नहीं कर पा रही है।वर्तमान GSTA, शायद भूल गई है कि दिल्ली के सम्मानित शिक्षकों ने उसे शिक्षक हित के लिए चुना था, न कि राजनेताओं के साथ चित्र प्रदर्शन के लिए।
अंत मे SFTC शिक्षक हितों की खातिर वर्तमान GSTA से अपील करती है कि वह शिक्षकों की पवित्र भावनाओं से खिलवाड़ करना बंद कर तनाव मे कार्य कर रहे शिक्षक समाज के लिए तनाव रहित वातावरण निर्मित करे औऱ चुनाव मे किए गये वायदो को अपने घोषणा पत्र मे देखकर पूरा करे।
जय शिक्षक।। । जय दिल्ली।।
स्त्रोत : SFTC
----------------------------------------------------------------------
साथियों,
सभी की जानकारी के लिए हम यह बताना चाहते हैं कि दिल्ली स्कूल टीचर्स फोरम किसी भी टीचर्स ग्रुप से नही जुड़ा हुआ है। यह जानकारी ओर आपसी विचार शेयर करने का सांझा प्लेटफॉर्म है।
काेई भी टीचर्स ग्रुप टीचर्स के हित में किये गये कार्यों को, इस प्लेटफार्म पर प्रकाशित करने के लिए हमें भेज सकता है। हमें किसी भी ग्रुप से संबंधित जो भी जानकारी मिलती है उसे यहाँ प्रकाशित कर देते हैं। लगभग 6000 अध्यापक इस मंच से फेसबुक, गूगल+ और ई-मेल जुडे हुए है। सभी अध्यापकों से निवेदन है कि वे ज्यादा से ज्यादा इस मंच को अपने साथियों के साथ शेयर करें ।
धन्यवाद
Contact us : myedudel@gmail.com
0 Comments:
Speak up your mind
Tell us what you're thinking... !