🏻किसी ने साधारण से दिखने वाले शिक्षक से पूछा - "क्या करते हो आप ??
सुन्दर सुर सजाने को साज बनाता हूँ ।
नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ ।।
चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी ।
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ ।।
समंदर तो परखता है हौंसले कश्तियों के ।
और मैं डूबती कश्तियों को जहाज बनाता हूँ ।।
बनाए चाहे चांद पे कोई "बुर्ज ए खलीफा,"
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ ।।
🙏 सभी शिक्षकों को समर्पित🙏
एक शिक्षक ने क्या खूब लिखा है
ज्ञान के मंदिर के हम पुजारी है
बच्चे सवार हम सवारी है।
अखबार मे छपा स्कूल मे छापा पडा
क्या स्कूल जुआ घर हम जुआरी है।
रंज है सबको हमारी तनख्वाह से
सोचते है क्यू हम शिक्षक सरकारी है।
(लिखने वालों के नाम पता नहीं)
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